समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन आज
राष्ट्रीय अध्यक्ष के नाम पर लगेगी मुहर
11 बजे होगा राष्ट्रीय अध्यक्ष का निर्वाचन
लखनऊ: राज्य सम्मेलन के बाद समाजवादी पार्टी का राष्ट्रीय सम्मेलन आज 29 सितम्बर को सुबह 10:00 बजे प्रारम्भ होगा। सम्मेलन की शुरुआत 10:00 बजे राष्ट्रीय ध्वज के ध्वजारोहण एवं राष्ट्रगान के कार्यक्रम से होगा। अखिलेश यादव लगातार तीसरी बार राष्ट्रीय अध्यक्ष चुने जाएंगे। इसके साथ ही सपा वर्ष 2024 के लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की रणनीति को अंतिम रूप देगी। बुधवार को सपा का राज्य सम्मेलन आयोजित किया गया था जिसमें प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव समेत कई अहम फैसले लिए गए थे। 2024 के चुनाव को देखते हुए सपा का यह सम्मेलन कई मायनों में खास होने वाला है।
यह भी पढ़ें: Aaj ka Rashifal: जानें कैसा बीतेगा आपका आज का दिन
राजधानी लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान में आज समाजवादी पार्टी राष्ट्रयीय सम्मेलन आयोजित कर रही है। कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय ध्वज के ध्वाजा रोहण के साथ होगा उसके बाद 10: 05 बजे समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव द्वारा समाजवादी पार्टी का झण्डारोहण किया जाएगा। निर्वाचन अधिकारी प्रो0 रामगोपाल यादव द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की प्रक्रिया सम्पन्न कराई जाएगी। 11:30 बजे अखिलेश यादव उद्घाटन भाषण करेंगे। तदोपरांत राजनैतिक एवं आर्थिक प्रस्ताव पेश किया जाएगा। जिस पर चर्चा एवं प्रस्ताव पारित किया जाएगा। उसके बाद अखिलेश यादव राष्ट्रीय सम्मेलन का समापन करेंगे।
बता दें कि समाजवादी पार्टी का 9वां राज्य सम्मेलन कल 28 सितंबर को राजधानी लखनऊ के रमाबाई अम्बेडकर मैदान लखनऊ में आयोजित हुआ। पूरा रमाबाई अंबेडकर मैदान कार्यकर्ताओं से खचाखच भरा हुआ था। समाजवादी पार्टी ने प्रदेश अध्यक्ष के चुनाव समेत कई कार्य किए। सभा को संबोधित करते हुए अखिलेश यादव ने विपक्ष पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा बीजेपी को कोई हरा सकती है तो सिर्फ सपा। वहीं नरेश उत्तम पटेल को दोबारा प्रदेश अध्यक्ष बनने पर बधाई देते हुए अखिलेश यादव ने कहा 2019 में समाजवादियों ने बाबा साहब के सिद्धांतों के साथ भाजपा को लोकसभा सीटें हराई थी। पिछले चुनाव में डा.अम्बेडकर और लोहिया के सपने को साकार करने की कोशिश की थी। समाजवादी लोग बड़ी जीत चाहते थे लेकिन सत्ता में बैठे लोगों ने अपनी शक्तियों का दुरुपयोग किया। 2022 के चुनाव में समान विचार धारा के लोगो को एक मंच पर लाए। सत्ता नहीं मिली लेकिन वोट प्रतिशत जरूर बढ़ा है। सिर्फ सपा ही साम्प्रदायिक ताकतों को रोक सकती है।
यह भी पढ़ें: Leave Alcohol: शराब की लत से हैं परेशान तो इन आसान तरीकों से पाएं शराब से छुटकारा