UP पंचायत चुनाव के लिए EC की गाइडलाइन
90 फीसदी प्रधान, जिला पंचायत के सदस्य नहीं लड़ सकेंगे चुनाव
आयोग ने वोटर लिस्ट तैयार करने का दिया आदेश
यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश में होने वाले पंचायत चुनाव की हलचल तेज हो गई है। साथ ही साथ चुनावी तैयारिंयां भी शुरू हो गई है। राज्य निर्वाचन आयोग ने वोटर लिस्ट तैयार करने का आदेश दे दिया है लेकिन अभी चुनाव की तारीख का ऐलान नहीं किया है।
मंगलवार को इसका विस्तृत कार्यक्रम जारी कर दिया गया। राज्य निर्वाचन आयुक्त मनोज कुमार की ओर से जारी इस कार्यक्रम के अनुसार आगामी पहले अक्तूबर से बूथ लेबल आफिसर (बीएलओ) घर-घर जाकर वोटर लिस्ट की जांच करेंगे।
इस बीच आगरा मंडल के सभी जिलों के 90 फीसदी प्रधान, बीडीसी और जिला पंचायत के सदस्य चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। ऐसा उनके द्वारा चुनाव आयोग के नियमों का पालन न करने के कारण हो रहा है। चुनावी खर्च जमा न करने के कारण उन्हें डिबार किया जा सकता है। इसको देखते हुए चुनाव लड़ने के इच्छुक लोगों ने सचिवालय में चक्कर काटने शुरू कर दिए हैं।
दरअसल, इसी साल नवंबर-दिसंबर में त्रिस्तरीय चुनाव होने थे, लेकिन कोरोना काल के कारण इसका फिलहाल टाला जा रहा है। अब ये चुनाव अगले साल अप्रैल-मई माह में होने की संभावना है। इसको लेकर उसी तरह से तैयारियां भी की जा रहीं हैं। इस बार नई गाइड लाइन तैयार की जा रही है। इस गाइड लाइन के मुताबिक जिन प्रधानों, बीडीसी और जिला पंचायत सदस्वों द्वारा चुनाव खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है। वह चुनाव नहीं लड़ पाएंगे। इसमें वह लोग भी शामिल हैं जो ये चुनाव लड़े तो थे, लेकिन हार गए थे।
इन लोगों के चुनाव लड़ने से पहले नामांकन फार्म भरते समय इस बात का उल्लेख करना होगा कि पिछले चुनाव में उन्होंने जो खर्च किया था, उसका ब्यौरा संलग्न करना होगा। अन्यथा की स्थिति में उन्हें डिबार घोषित कर दिया जाएगा। एडीएम वित्त एवं राजस्व योगेंद्र कुमार ने बताया कि लगभग 90 फीसदी लोगों के चुनावी खर्च का ब्यौरा नहीं दिया है। इन पर चुनाव लड़ने का संकट आ सकता है।