उत्तराखंड में डीजल-पेट्रोल वाले ऑटो पर लगेगी रोक
वायु प्रदूषण बढ़ाने के चलते उठाया अहम योगदान
मार्च 2023 तक शहरों को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना
नेशनल डेस्क: इस साल दिवाली से पहले ही दिल्ली-एनसीआर समेत उत्तर भारत के कई शहरों की आबोहवा जहरीली होने लगी। इस प्रदूषण का प्रभाव अब पहाड़ों में भी दिखने लगा है। इसको लेकर उत्तराखंड की राजधानी देहरादून और ऋषिकेश की हवा खराब होती जा रही है। ऐसे में राज्य सरकार इन शहरों में डीजल-पेट्रोल से चलने वाली ऑटो पर रोक लगाने का मन बना रही है।
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इस बाबत 1 नवंबर को गढ़वाल आयुक्त कैंप कार्यालय में होने वाली संभागीय परिवहन प्राधिकरण की बैठक में प्रस्ताव लाया जाएगा। राज्य सरकार का मानना है कि वायु प्रदूषण बढ़ाने में पेट्रोल औऱ डीजल से चलनी वाली गाड़ियों का अहम योगदान है। शहरों में इनकी संख्या काफी बढ़ चुकी है, जिससे वहां की आबोहवा प्रदूषित होने लगी है।
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NGT ने दिए थे निर्देश
एनजीटी ने सरकार को 2019 में वायु प्रदूषण कम करने के निर्देश दिए। केंद्र सरकार ने देहरादून और ऋषिकेश को राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम के तहत चयनित किया है। मार्च 2023 तक शहरों को प्रदूषण मुक्त बनाने की योजना है। ऐसे में आरटीए अगले चार महीने में डीजल-पेट्रोल से चलने वाले ऑटो-विक्रम को सड़क से बाहर करने की तैयारी कर रहा है। आरटीए की बैठक में इस पर अंतिम फैसला होना है।
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अब इन वाहनों का ही मिलेगा परमिट
देहरादून और ऋषिकेश में अब पेट्रोल-डीजल से चलने वाले ऑटो – विक्रम को परमिट नहीं मिलेगा। हालांकि, सरकार पेट्रोल-डीजल ऑटो – विक्रम को कुछ राहत भी देने जा रही है। पेट्रोल-डीजल ऑटो – विक्रम के परमिट पर संचालक सीएनजी वाले ऑटो – विक्रम ले सकते हैं। इसमें प्राथमिकता केवल उनको मिलेगी, जो पेट्रोल-डीजल के ऑटो – विक्रम चला रहे थे।
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