शिया धर्मगुरु ने राजनीति से हटने की घोषणा
ईराक में भड़की हिंसा
हिंसा में 20 लोगों की मौत
इंटरनेशनल डेस्क: इराक के शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सद्र ने राजनीति से छोड़ने की घोषणा की। वहीं, घोषणा करने के बाद उनके नाराज सैकड़ों समर्थक सरकारी महल पहुंच गए। इस दौरान अल-सद्र और सुरक्षा बलों के बीच हिंसक झड़प हुई, जिसमें कम से 25 लोगों की मौत की खबर है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, शिया धर्मगुरु मुक्तदा अल-सदर के समर्थकों और सुरक्षा बलों के बीच हुई झड़प में मरने वालों की संख्या 20 हो गई है। स्पुतनिक न्यूज एजेंसी के मुताबिक, झड़पों में 300 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। शिया धर्मगुरु के समर्थन में हो रहे विरोध प्रदर्शनों के बीच इराकी सेना ने सोमवार को चार बजे शाम से देशव्यापी कर्फ्यू की घोषणा कर दी है।
#BREAKING Iraq’s powerful Shiite cleric Moqtada al-Sadr says quitting politics pic.twitter.com/Tpvv9HXwQI
— AFP News Agency (@AFP) August 29, 2022
दोनों गुटों के आतंकवादी भी आमने-सामने आए
इस दौरान दोनों गुटों के आतंकवादी भी आमने-सामने आ गए और इराकी शिया उग्रवादी संगठन के कमांडर अबू अजराएल, जिसे इराक का रैंबो भी कहा जाता है उसके घर पर इरान समर्थित आतंकवादी संगठन ‘सराया अस-सलाम’ का आतंकी फायरिंग करता दिखा।
Right Now:
Clashes continue in Baghdad’s green zone…
Media sources close to Muqtada Al Sadr claims that number of killed raised to 25 and over 400 other wounded. Via @truskesadeghi #Iraq pic.twitter.com/lmrozbaAUC— Suhad Talabany (@TalabanySuhad) August 30, 2022
वहीं अल सदर समर्थित उग्रवादी गुट सराया अस-सलाम ने इरान समर्थित शिया उग्रवादी गुट अल-हक के बगदाद और बसरा मुख्यालय को भी फूंक दिया, जिसके बाद वहां से आग की ऊंची ऊची लपटें उठती दिखीं।
सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने महल के फाटकों को तोड़ा
यह पहली बार नहीं है जब अल-सद्र ने संन्यास की घोषणा की है। वह इससे पहले भी ऐसी घोषणा कर चुके हैं। कई लोगों ने अल-सदर के इस कदम को वर्तमान गतिरोध के बीच प्रतिद्वंद्वियों के खिलाफ बढ़त हासिल करने का एक और प्रयास करार दिया। हालांकि कुछ ने यह आशंका जतायी है कि इस बार के उनके कदम से देश की स्थिति और बिगड़ सकती है, जो पहले से ही खराब है। सोमवार को सैकड़ों प्रदर्शनकारियों ने रिपब्लिकन पैलेस के बाहर सीमेंट के बैरियर को रस्सियों से नीचे गिराया और महल के फाटकों को तोड़ दिया। उनमें से कई महल के सभागार में पहुंच गए।