देश के कई हिस्सों में तेज बारिश से मची तबाही
अगले 24 घंटे में कई राज्यों में भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट
महाराष्ट्र में बारिश ने बरपाया कहर
नेशनल डेस्क: देश के कई हिस्सों में तेज बारिश ने तबाही मचा दी है। कई जगहों पर तो पानी इतना भर गया कि बाढ़ जैसे हालात हो गए। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 24 घंटे में दिल्ली, उत्तराखंड, यूपी, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, हिमाचल प्रदेश के कई इलाकों में भारी बारिश की आशंका है।
12 और 13 जुलाई को कर्नाटक और तेलंगाना भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट
वहीं, 12 और 13 जुलाई को कर्नाटक और तेलंगाना भारी बारिश होने की संभावना है। दक्षिणी राज्यों कर्नाटक और तेलंगाना में भी भारी बारिश को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश में 10 से 13 जुलाई तक भारी बारिश की संभावना है। इसके साथ ही पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और उत्तरी उत्तर प्रदेश में भी बारिश को लेकर अलर्ट जारी किया है। छत्तीसगढ़, गुजरात, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा के कई इलाकों में भारी बारिश हुई।
इन राज्यों में भारी बारिश की संभावना
मौसम विभाग ने अगले पांच दिनों तक मध्य भारत और पश्चिमी तट पर सक्रिय मानसून के जारी रहने का अनुमान जताया है। इसके चलते पंजाब, हरियाणा और उत्तरी उत्तर प्रदेश में भारी बारिश की संभावना है। उत्तर और पश्चिम भारत में मानसून ने उमस और गर्मी से राहत दिलाई है, लेकिन कई इलाकों में बाढ़ से जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
महाराष्ट्र में बारिश ने बरपाया कहर
महाराष्ट्र में भी बारिश ने कहर बरपाया है। गढ़चिरौली जिले में भारी बारिश के कारण 128 गांवों से संपर्क टूट गया है। वहीं, मराठवाड़ा क्षेत्र के गढ़चिरौली, हिंगोली और नांदेड़ जिले भी भारी बारिश से प्रभावित हुए हैं। वहीं महाराष्ट्र में पिछले 24 घंटे लगातार बारिश हुई जिसमें करीब नौ लोगों की जान चली गई। इस मामले में रविवार को राज्य आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी दी।
नदियों का जलस्तर खतरनाक स्तर पर
रिपोर्ट के मुताबिक महाराष्ट्र में एक जून से अब तक कुल 76 लोगों की मौत हो चुकी है। कुंडलिका समेत राज्य की कई नदियां खतरनाक स्तर को पार कर चुकी हैं। उल्हास, सावित्री, पातालगंगा, अंबा और गढ़ी नदियों का जलस्तर चेतावनी स्तर से थोड़ा नीचे है। महाराष्ट्र में बारिश के कारण 838 घर क्षतिग्रस्त हो गए हैं। वहीं, लगभग 4,916 लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है। आपदा प्रबंधन विभाग और पुनर्वास विभाग द्वारा 35 राहत शिविर बनाए गए हैं। जिनमें लोगों को रहने और खाने की पूरी व्यवस्था की गई है।