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WHO ने चेताया, मैरियन बायोटेक के दो कफ सिरप असुरक्षित

  • मैरियन बायोटेक के दो कफ सिरप असुरक्षित

  • स्वास्थ्य मंत्री ने दवाओं के निर्माण पर लगाई रोक

  • निर्माता ने उत्पादों की सुरक्षा और गुणवत्ता पर गारंटी नहीं दी

(नेशनल डेस्क) विश्व स्वास्थ्य संगठन ने सिफारिश की है कि उज्बेकिस्तान में बच्चों के लिए नोएडा की कंपनी मैरियन बायोटेक द्वारा बनाए गए दो कफ सिरप का इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.बुधवार को एक चिकित्सा उत्पाद चेतावनी में, डब्लूएचओ ने कहा कि मैरियन बायोटेक द्वारा निर्मित “घटिया चिकित्सा उत्पाद” ऐसे उत्पाद हैं जो गुणवत्ता मानकों या विशिष्टताओं को पूरा करने में विफल होते हैं और इसलिए विनिर्देश से बाहर हैं.

नोएडा की मैरियन बायोटेक के दो कफ सिरप असुरक्षित, न करें इस्तेमाल: WHO

 डब्ल्लूएचओ ने अपनी वेबसाइट पर अलर्ट जारी करते हुए कहा कि यह दो मेडिकल प्रोडक्ट  घटिया उत्पादों को संदर्भित करता है. ये दो प्रोडक्ट AMBRONOL सिरप और DOK-1 मैक्स सिरप हैं. दोनों प्रोडक्ट के निर्माता मैरियन बायोटेक हैं. आज तक कंपनी के निर्माता ने सुरक्षा पर WHO को गारंटी प्रदान नहीं की है जिसके कारण इन उत्पादों की गुणवत्ता पर अलर्ट जारी किया गया है.

WHO

गौरतलब है कि हाल ही में उज्बेकिस्तान में खांसी की दवाई लेने के बाद बच्चों की मौत की खबरें सामने आई हैं, जिसके बाद नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक पर संकट के बादल छा गए हैं. डब्ल्यूएचओ  के अनुसार, उज़्बेकिस्तान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कफ सिरप के नमूनों के प्रयोगशाला विश्लेषण में पाया गया कि दोनों उत्पादों में दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की काफी मात्रा शामिल है.

गौतम बुद्ध नगर ड्रग इंस्पेक्टर वैभव बब्बर ने कहा कि कंपनी द्वारा “पर्याप्त दस्तावेज उपलब्ध नहीं कराने के बाद हमने मैरियन बायोटेक कंपनी के उत्पादन लाइसेंस को निलंबित कर दिया है, निरीक्षण के दौरान पूछे गए दस्तावेजों के आधार पर राज्य लाइसेंसिंग प्राधिकरण द्वारा कारण बताओ नोटिस भी दिया गया था. आपको बता दें कि पिछले महीने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मंडाविया ने कहा था कि खांसी की दवाई Dok1 Max में संदूषण की खबरों के मद्देनजर नोएडा स्थित फार्मा कंपनी की सभी निर्माण गतिविधियों को रोक दिया गया है.

उज्बेकिस्तान से खांसी की दवाई खाने से बच्चों की मौत की खबरें सामने आने के बाद नोएडा स्थित फार्मा मैरियन बायोटेक पर संकट के बादल छा गए हैं. WHO के अनुसार, उज़्बेकिस्तान गणराज्य के स्वास्थ्य मंत्रालय के राष्ट्रीय गुणवत्ता नियंत्रण प्रयोगशालाओं द्वारा किए गए कफ सिरप के नमूनों के प्रयोगशाला विश्लेषण में पाया गया कि दोनों उत्पादों में दूषित पदार्थों के रूप में डायथिलीन ग्लाइकॉल और एथिलीन ग्लाइकॉल की अस्वीकार्य मात्रा शामिल है.

22 दिसंबर को उज्बेकिस्तान ने आरोप लगाया कि मैरियन बायोटेक कंपनी द्वारा निर्मित दवाओं का सेवन करने से 18 बच्चों की मौत हो गई. मंगलवार को उत्तर प्रदेश खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग ने मैरियन बायोटेक कंपनी का उत्पादन लाइसेंस निलंबित कर दिया.

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