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‘रामचरितमानस समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ,बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान

  • बिहार के शिक्षा मंत्री का विवादित बयान

  • ‘रामचरितमानस’ नफरत फैलाने वाला ग्रंथ

  • नीतीश जी आपके शिक्षा मंत्री को शिक्षा की जरूरत

 (बिहार डेस्क) बिहार के शिक्षा मंत्री चंद्रशेखर ने विवादित बयान देते हुए ‘रामचरितमानस’ को नफरत फैलाने वाला ग्रंथ बताया है। मंत्री चंद्रशेखर ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि रामचरितमानस ग्रंथ समाज में नफरत फैलाने का ग्रंथ है। यह समाज में दलितों, पिछड़ों और महिलाओं को पढ़ाई से रोकता है। उन्हें उनका हक दिलाने से रोकता है। उन्होंने कहा कि मनुस्मृति को क्यों जलाया गया, क्योंकि उसमें एक बड़े तबके के खिलाफ अनेकों गालियां दी गई। रामचरितमानस का क्यों प्रतिरोध हुआ और किस अंश का प्रतिरोध हुआ?

Ramcharitmanas book of hatred controversy bihar education minister said I stand by my words रामचरितमानस को नफरत की किताब कहने वाले बिहार के शिक्षामंत्री अपनी बात पर अड़े, भड़की बीजेपी बोली- ये हिंदू आस्था पर चोट

दरअसल, चंद्रशेखर ने पटना में रामचरितमानस पर विवादित बयान दिया था. इस बयान को लेकर वह गहरे विवाद में फंसते जा रहे हैं. तमाम राजनीतिक पार्टियों ने उनपर निशाना साधा है. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने भी इस बयान को लेकर ट्वीट कर सवाल खड़े किए हैं.बीजेपी प्रवक्ता पूनावाला ने कहा कि बिहार के शिक्षा मंत्री ने कहा ‘रामचरितमानस’ नफरत फैलाने वाला ग्रंथ है. कुछ दिन पहले जगदानंद सिंह ने राम जन्मभूमि को ‘नफरत की जमीन’ बताया था. यह संयोग नहीं है. यह वोट बैंक का उद्योग है ‘हिंदू आस्था पर करो चोट, ताकि मिले वोट’, सिमी और पीएफआई की पैरवी, हिंदू आस्था पर चोट.” क्या कार्रवाई होगी?

चंद्रशेखर, रामचरितमानस, बिहार

अपने संबोधन की शुरुआत में बिहार के शिक्षा मंत्री ने सभागार में उपस्थित बच्चों से पूछा कि भारत को ताकतवर नफरत से बनाएँगे या मोहब्बत से? सभागार में उपस्थित बच्चों ने ‘मोहब्बत से’ जवाब दिया। शिक्षा मंत्री ने अपने भाषण को जारी रखा। फिर उन्होंने कहा कि देश में कुछ विचार ऐसे चले हैं जो नफरत फैलाना चाहते हैं और यह विचार आज के नहीं हैं बल्कि तीन हजार साल पहले जब मनुस्मृति लिखी गई, यह विचार वहीं से आए हैं।

मंत्री के बयान को लेकर कुमार विश्वास ने तंज करते हुए शिक्षा मंत्री को ही शिक्षा की जरूरत बता दी। कुमार विश्वास ने ट्वीट करते हुए कहा कि आदरणीय नीतीश कुमार जी, भगवान शंकर के नाम को निरर्थक कर रहे आपके अशिक्षित शिक्षामंत्री जी को शिक्षा की अत्यंत-अविलंब आवश्यकता है। आपका मेरे मन में अतीव आदर है। इसलिए इस दुष्कर कार्य के लिए स्वयं को प्रस्तुत कर रहा हूं। इन्हें ‘अपने अपने राम’ सत्र में भेजें। ताकि इनका मनस्ताप शांत हो।

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