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दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र आज से शुरू,सदन में जमकर हंगामे के आसार

  • आज से शुरू होगा दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र

  • सत्तापक्ष के निशाने पर होंगे एलजी 

  • विपक्ष कर रहा है सदन का समय बढ़ाने की मांग

(नेशनल डेस्क) शासन के मुद्दे पर उपराज्यपाल वीके सक्सेना के साथ टकराव के बीच आप सरकार ने दिल्ली विधानसभा का तीन दिवसीय सत्र बुलाया है।16 से 18 जनवरी तक चलने वाले सत्र के हंगामेदार होने के आसार हैं.कुछ देर के बाद विधानसभा सत्र बाद शुरू हो जाएगा.विधानसभा सचिवालय की ओर से जारी बुलेटिन के मुताबिक, राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली की सातवीं विधानसभा के तीसरे सत्र के चौथे भाग की बैठक 16 जनवरी को सुबह 11 बजे होगी।

Delhi Assembly session from today, uproar expected

विशेष तौर से दिल्ली सरकार के कामकाज में हस्तक्षेप और एमसीडी के मसले पर एलजी की मनमर्जी को लेकर आम आदमी पार्टी के नेताओं में गहरा असंतोष है. तय है कि आप के नाराज विधायक इन मसलों पर एलजी वीके सक्सेना पर हमला बोलने में कोई कसर बाकी नहीं रखेंगे. दूसरी तरफ बीजेपी की केजरीवाल सरकार में व्याप्त भ्रष्टाचार खासकर सत्येंद्र जैन और आबकारी घोटाले के मसले को जोरदार तरीके से उठाने की तैयारी है.

या​नि छोटे से सत्र में भी दिल्ली विधानसभा में हंगामा लगभग तय है. हालांकि, आप सरकार के पास प्रचंड बहुमत होने की वजह से सदन में उसे अपने हिसाब से विधेयक व प्रस्ताव को पास कराने में परेशानी नहीं होगी.

आज से शुरू होगा दिल्ली विधानसभा का शीतकालीन सत्र, कई मुद्दों पर हो सकती है तकरार

विधानसभा सत्र 16, 17 और 18 जनवरी के लिए निर्धारित किया गया है. हालांकि बीजेपी सत्र को दस दिनों तक बढ़ाने की मांग कर रही है. विपक्ष का कहना है कि दिल्ली सरकार तानाशाह हो गई है. जनता के सवालों से बचना चाहती है, यही वजह है कि सत्र की अवधि कम रखी गई है.

लेकिन सूत्रों के मुताबिक कार्य की अनिवार्यता के मद्देनजर सदन की बैठक को बढ़ाया भी जा सकता है. विधानसभा अध्यक्ष के निर्देश के अनुसार सदस्यों को नियम 280 के तहत सदन में मुद्दा उठाने के लिए नोटिस देने की अनुमति होगी.

दिल्ली विधानसभा (फाइल फोटो)

वहीं सत्ता पक्ष ने विपक्ष के आरापों को नकारते हुए कहा कि हम जनहित में ही काम कर रहे हैं. विधानसभा का सत्र 16, 17 और 18 जनवरी तक चलेगा. जरूरत पड़ने पर सत्र को आगे बढ़ाया जा सकता है. तीन दिवसीय दिन के दौरान केजरीवाल सरकार वित्तीय वर्ष 2022-23 का संशोधित बजट का अनुमान पेश करेगी. उसमें योजनाओं को लेकर अतिरिक्त फंड भी दिया जाएगा. इसके अलावा विधानसभा समितियों की कुछ रिपोर्ट भी सदन पटल पर रखी जा सकती हैं. एलजी के सरकार के रोजमर्रा के कामकाज में हस्तक्षेप, नौकरशाही के जरिए काम रुकवाने के मुदे को भी सत्ता पक्ष के नेता उठा सकते हैं. इसके अलावा, सदन में चुनी हुई सरकार के अधिकार व उपराज्यपाल के लिए संविधान में निर्धारित अधिकारों पर भी चर्चा होगी.

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