महिला समानाता दिवस क्यों मनाया जाता है
अमेरिका में महिला अधिकारों की लड़ाई 1853 से शुरू हुई
वर्ष इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा
Women’s Equality Day 2022: आज पूरे विश्व में महिला समानाता दिवस यानी की वुमन इक्वीलिटी डे। प्रत्येक साल आज यानी 26 अगस्त को पूरे विश्व में मनाया जाता है। कानूनन भले ही महिला और पुरुष को बराबर का अधिकार मिला हुआ हो। लेकिन समाज में आज भी महिलाओं को लेकर लोगों के मन में दोहरी मानसिकता है। आज भी पुरूष के बराबर का अधिकार नहीं मिला है। लेकिन क्या आप यह जानते हैं कि महिला समानता के अधिकार की बात सर्वप्रथम किस देश में हुई थी। दरअसल, इस बारे में बात करने के लिए सबसे पहले अमेरिका की महिलाएं ही मुखर हुईं।
बता दें कि पहले अमेरिका में महिलाओं को वोट देने का भी अधिकार नहीं था। इसके लिए 50 सालों तक चली लड़ाई के बाद अमेरिका में महिलाओं को 26 अगस्त 1920 के दिन वोटिंग का अधिकार मिला। इसी दिन को यादगार बनाते हुए महिला समानता दिवस मनाया जाने लगा।
बता दें कि अमेरिका में इस दिन को महिला समानता दिवस के रूप में मनाते हैं। हालाँकि लिंग समानता का मुद्दा अकेले अमेरिका की समस्या नहीं रह गयी है। लेकिन आज भी बहुत सारे देश इस असमानता से जूझ रहे हैं। जहां पर अभी भी इस बारे में लोगों की मानसिकता को बदलने की काफी जरूरत है। उल्लेखनीय है कि अमेरिका के साथ ही महिलाओं की समानता का मुद्दा अब अन्तरराष्ट्रीय बन गया है। प्रत्येक साल भारत में भी यह दिन महिलाओँ के सम्मान में मनाया जाता है। हालांकि अब महिला समानता दिवस अन्तरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा है।
गौरतलब है कि अमेरिका में महिला अधिकारों की लड़ाई साल 1853 से शुरू हुई थी। जिसमें सबसे पहले विवाहित महिलाओं ने संपत्ति पर अधिकार मांगना शुरू किया था। बता दें कि उस समय अमेरिका में भी महिलाओं की स्थिति आज के समय की तरह अच्छी नहीं थी। वोटिंग के अधिकार के लिए हुई लड़ाई में महिलाओं को साल 1920 में जीत हासिल हुई। वहीं भारत की बात करें तो महिलाओं को वोट करने का अधिकार ब्रिटिश शासन काल में ही मिल गया था। बता दें कि 26 अगस्त को अमेरिका में वुमन इक्वीलिटी डे के रूप में मनाते हैं। वहीँ के बाद प्रत्येक वर्ष इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी मनाया जाने लगा।