बुनियादी ढांचे पर योगी सरकार का फोकस
सरोकारों पर काम से एजेंडा साधा
2024 चुनाव पर सरकार की निगाहें
यूपी डेस्क: उत्तर प्रदेश सरकार ने 2023-24 के बजट के सहारे सबको साधने का काम करते हुए भाजपा के सियासी एजेंडे को और उड़ान देने की कोशिश की है। बजट के सहारे प्रदेश में 2017 में भाजपा सरकार आने के बाद से अब तक राज्य की आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक सेहत सुधारकर लोगों की तरक्की, रोजगार, सुरक्षा तथा समृद्धि के लिए किए गए कामों का हवाला देकर भविष्य के लिए भी उनका भरोसा जीतने का प्रयास किया है। कोशिश यूपी की तरक्की और यहां के लोगों की समृद्धि के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भी दिल्ली में भाजपा और नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार की जरूरत समझाना ही नजर आ रही है।
खन्ना ने घोषणा की कि राज्य के सकल घरेलू उत्पाद में 16.8% की वृद्धि दर्ज की गई है जबकि रोजगार दर 4.2% तक कम है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने बजट को मंजूरी देने के लिए राज्य मंत्रिमंडल की बैठक की अध्यक्षता की।वार्षिक बजट का आकार लगभग 7 लाख करोड़ के पास है। इसमें बुनियादी ढांचे के विकास, कल्याणकारी योजनाओं और राज्य में युवाओं और महिलाओं के सशक्तिकरण पर ध्यान केंद्रित किया गया, जैसा कि अपेक्षित था।
2023 का यूपी बजट महत्व रखता है क्योंकि योगी सरकार के लिए अप्रैल-मई 2024 में होने वाले आगामी लोकसभा चुनावों के कारण युवाओं, महिलाओं, किसानों और वंचित वर्गों सहित समाज के विभिन्न वर्गों को लुभाने का दबाव था।
स्वामी विवेकानंद युवा अधिकारिता योजना के पात्र छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन के प्रावधान के लिए 3,600 करोड़ रुपये आवंटित किए गए हैं। महिलाएं: मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना के तहत 1,050 करोड़ रुपये, जो एक परिवार में दो बच्चियों के अभिभावकों या माता-पिता को वित्तीय सहायता प्रदान करती है। निराश्रित विधवाओं के लिए 4,032 करोड़ रुपये सभी वर्गों की सभी लड़कियों के विवाह के लिए सामूहिक विवाह योजना के लिए 600 करोड़ दिए गए।
अन्य पिछड़ा वर्ग के गरीब लोगों की बेटियों के लिए विवाह अनुदान योजना के तहत 150 करोड़ आवंटित। इंफ्रास्ट्रक्चर: सड़कों, पुलों के निर्माण के लिए 21,159 करोड़ रुपये के परिव्यय की घोषणा की गई है। रखरखाव के लिए 6,209 करोड़ आवंटित खन्ना ने कहा कि कृषि विपणन सुविधाओं के लिए पुलों और सड़कों के काम के लिए 3,473 करोड़ रुपये और ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों के लिए 1,525 करोड़ रुपये प्रस्तावित हैं।
संस्कृत विद्यालयों एवं संस्कृत पढ़ने वाले छात्रों एवं धार्मिक स्थलों के विकास के लिए और अधिक धन की व्यवस्था तथा घोषणाओं से विरासत को संरक्षण तथा प्रोत्साहन की नीति पर दृढ़ता से काम करते रहने का संकल्प दिखाकर एजेंडे को साधा गया है ।
जिस तरह पहले अनुपूरक बजट लाकर सरकारें एजेंडे पर काम करती रही हैं , उसको देखते हुए कहा जा सकता है कि 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले लाए गए अनुपूरक बजट के जरिये भी सियासी एजेंडे को साधा जाएगा।
यूपी पर्यटन नीति 2022 के तहत अगले 5 वर्षों में 10 लाख करोड़ रुपये के निवेश लक्ष्य के साथ 20 हजार नौकरियों का सृज किया गया है। पिछले साल राज्य सरकार ने 6.15 लाख करोड़ रुपये का सालाना बजट पेश किया था। 5 दिसंबर, 2022 को 33,769.55 करोड़ रुपये का पूरक बजट पेश किया गया, जिससे 2022-2023 में यूपी के बजट का कुल आकार 6.50 लाख करोड़ रुपये हो गया था।