- लोकसभा में श्रम विधेयक किया गया पेश
- आज राज्यसभा में होगा पेश
- श्रमिकों को ये लाभ होंगे
नेशनल डेस्क : लोकसभा में मंगलवार को हुई बैठक में मजदूरों से जुड़े तीन अहम बिलों को पास कर दिया गया है। लोकसभा से पारित ये तीनों बिल 29 पुराने श्रम कानूनों की जगह लेंगे। लोकसभा ने इसे ध्वनिमत से पारित कर दिया। आज इस बिल को राज्यसभा में पेश किया जाएगा।
मंगलवार को लोकसभा में केंद्रीय श्रम मंत्री संतोष गंगवार ने व्यावसायिक सुरक्षा, स्वास्थ्य एवं कार्यदशाएँ (ओएसएस) संहिता, औद्योगिक संबंध संहिता एवं सामाजिक सुरक्षा संहिता को पेश किया और कहा कि 73 साल के इतिहास में पहली बार इस प्रकार से श्रम कानून में बदलाव किए जा रहे हैं, जो नियोक्ता और श्रमिक दोनों के लिए फायदेमंद साबित होंगे।
बिल की अहम बातें…
इन तीन बिलों में कोड ऑन सोशल सिक्यूरिटी, इंडस्ट्रियल रिलेशन कोड और द ऑक्यूपेशन सेफ्टी, हेल्थ एंड वर्किंग कंडीशन कोड शामिल हैं।
इस बिल के अनुसार, सभी तरह के कर्मचारियों को नियुक्ति पत्र देना अनिवार्य बनाया गया है। चाहे कर्मचारी कॉन्ट्रैक्ट पर ही क्यों न हो। सभी कर्मचारियों को ग्रेच्यूटी की सुविधा दी जाएगी, कॉन्ट्रैक्ट कर्मचारियों को भी।
उनके वेतन का डिजिटल भुगतान करना होगा। साल में एक बार सभी श्रमिकों का हेल्थ चेकअप भी अनिवार्य किया गया है। उनको ग्रेच्यूटी पाने के लिए कंपनी में 5 साल काम करना जरूरी नहीं होगा।
इसके अलावा इस बिल के अंदर महिलाओं को रात की पाली (शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक) में काम करने की इजाजत दी गई है। सभी अस्थायी और प्लैटफॉर्म कामगारों (जैसे ओला और उबर ड्राइवर) को भी सामाजिक सुरक्षा के दायरे में लाया जाएगा।
इस बिल में प्रवासी मजदूरों को भी सुविधाएं दी जाएंगी, वो जहां भी जाएंगे उनका रजिस्ट्रेशन करवाया जाएगा। ‘री स्कलिंग फंड’ बनाया जाएगा, जो कर्मचारियों की छंटनी होने की स्थिति में उन्हें वैकल्पिक हुनर की ट्रेनिंग दी जाएगी। 10 से ज्यादा कर्मचारियों वाली कंपनियों को अपने कर्मचारियों के लिए ईपीएफ और ईएसआई की सुविधा देना होगा।
बता दें कि 2002 में गठित श्रम आयोग ने देश में लागू 44 अलग कानूनों को मिलाकर 4 कानूनों में बदलने की सिफारिश की थी। आज जो तीन बिल पारित किए गए हैं, उनमें 29 पुराने श्रम कानूनों को समाहित किया गया है।