- श्रीलंका की आर्थिक स्थिति बनी हुई है गंभीर
- सरकार के खिलाफ सड़क पर जनमानस का विरोध
नेशनल डेस्क Sri Lanka Crisis। अपने सबसे भयंकर आर्थिक संकट को झेल रहे श्रीलंका में दिन ब दिन हालात खराब होते जा रहे हैं। वहां महंगाई ने भी अब लोगों की कमर तोड़ दी है। वहीं अब अपनी सत्ता जाते देख वहां के राष्ट्रपति गोटाबाया राजपक्षे ने बड़ा कदम उठाया है। राष्ट्रपति ने सलाहकार समूह के सदस्यों के रूप में ऋण स्थिरता और बहुपक्षीय जुड़ाव पर आर्थिक और वित्तीय विशेषज्ञों की एक टीम की घोषणा की है। बता दें कि ये टीम देश को वित्तीय संकट से बाहर निकालने के सुझाव देगी।
हालात बेहद खराब, महंगाई ने सारे रिकार्ड तोड़े
बता दें कि वहां के हालात इतने खराब हो गए हैं कि महंगाई चरम पर पहुंच गई है। विदेशी मुद्रा भंडार में भारी कमी के कारण तेल के दामों ने आसमान छू लिया है, जिसके कारण रोजमरा की चीजों को भी लोग ले नहीं पा रहे हैं। वहीं इंधन की कमी के कारण पूरे देश में 13 घंटे तक बिजली काटी जा रही है जिसके चलते उद्योग भी चौपट हो रहे हैं। श्रीलंका की रीड माने जाने वाला पर्यटन उद्योग भी एकदम खत्म हो गया है, होटल में लोगों की भारी कमी है।
दवाओं की कीमतों में भारी इजाफा
पड़ोसी मुल्क में हालात इस कदर खराब हैं कि अब दवाओं की कीमतों में अचानक 29 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी हो गई है। दवाओं के दामों में बढ़ोतरी के कारण स्वास्थ्य सेवा भी चरमरा गई है। वहीं देश के प्रमुख स्वास्थ्य संस्थान के डाक्टर और स्वास्थ्य कर्मचारी बुधवार को सरकार की नीतियों के विरोध में सड़क पर उतर आए हैं। डाक्टरों का कहना है कि उनके पास कार्यस्थल की यात्रा करने के लिए ईंधन भी नहीं है। पेट्रोल पम्पों पर लंबी कतारें लगी हैं, जिसमें वे खड़े होने के लिए मजबूर हैं। देश में सर्जरी में इस्तेमाल होने वाली अधिकांश एनेस्थिसिया दवाओं की कमी है।
लोगों ने सड़कों पर किया प्रदर्शन
देश में पेट्रोल सहित सभी इंधन और इसके कारण खाने के सामान काफी महंगे हो गए हैं। इसके विरोध में लोगों ने सड़क पर उतरकर प्रदर्शन करना शुरू कर दिया है। राष्ट्रपति के विरुद्ध लोगों का गुस्सा सातवें आसमान पर है और वो उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं। राष्ट्रपति के आवास के बाहर हुए विरोध प्रदर्शन हिंसक भी हो चुके हैं।
भारत ने भेजी मदद
संकट में घिरे पड़ोसी मुल्क श्रीलंका को भारत लगातार मदद कर रहा है। भारत ने क्रेडिट लाइन के तहत दूसरी बार श्रीलंका को इंधन संकट से निपटने के लिए डीजल और पेट्रोल सप्लाई किया है। मंगलवार और बुधवार को भारत से 36 हजार मीट्रिक टन पेट्रोल और 40 हजार मीट्रिक टन डीजल श्रीलंका भेजा गया है। भारत अब तक 2.70 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा इंधन श्रीलंका भेज चुका है।
लगा दिया गया था आपातकाल
श्रीलंका में चार अप्रैल को आपातकाल लगा दिया गया था, लेकिन अब इसे हटा लिया गया है। बता दें कि जब वहां आर्थिक संकट की वजह से हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए थे तभी राष्ट्रपति ने स्थिति को काबू में करने के लिए इमरजेंसी लगाने का फैसला लिया था। लेकिन अब सत्ता जाने के डर से फैसले को वापिस ले लिया गया। बता दें कि वहां के कई सांसदों ने राष्ट्रपति से अपना समर्थन वापिस ले लिया है।