संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी पर 3,40,000 पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है
दो अलग-अलग मामलों में पाक की अदालत ने यह सजा सुनाई है
नेशनल डेस्क: पाकिस्तान की आतंकवाद निरोधी अदालत ने मुंबई आतंकी हमले के मास्टरमाइंड हाफिज सईद को 31 साल जेल की सजा सुनाई है। आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के सरगना हाफिज को दो अलग-अलग मामलों में यह सजा सुनाई गई है। स्थानीय मीडिया के अनुसार अदालत ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा नामित आतंकवादी पर 3,40,000 पाकिस्तानी रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
आतंकवाद विरोधी अदालत ने सुनाया फैसला
लाहौर आतंकवाद विरोधी अदालत के न्यायाधीश एजाज अहमद बुट्टर ने पाकिस्तान के आतंकवाद विरोधी अधिनियम, 1997 की विभिन्न धाराओं के तहत यह सजा सुनाई। जानकारी के अनुसार हाफिज को 21/19 और 99/21 में पहले भी कैद की सजा सुनाई गई थी। सईद को लाहौर की कोट लखपत जेल से अदालत लाया गया था, यहां उसे 2019 से कड़ी सुरक्षा में कैद किया हुआ है।
वैश्विक आतंकवादी के रूप से जाना जाता है ये खूंखार आतंकी
मोस्ट वांटिड आतंकी हाफिज को संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित वैश्विक आतंकवादी के रूप में भी जाना जाता है। 2008 में हुए मुम्बई बम धमाके के बाद सईद को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत वैश्विक आतंकवादी घोषित किया गया था। वहीं अमेरिका ने भी उसपर 1 करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है। बता दें कि इस आतंकी का अभी तक आराम से बच पाना इसलिए भी मुमकिन हो सका है क्योंकि इसके संबंध पाक के सभी नेताओं से है चाहे वह सरकार में हो या विपक्ष में या सेना का कोई अधिकारी ही क्यों ना हो।
मुंबई हमलों का सरगना है हाफिज
भारत में 2008 में हुए मुंबई हमले में भी हाफिज सईद ही मास्टरमाइंड था। इस आतंकवादी हमले में 6 अमेरिकी नागरिक समेत करीब 164 लोग मारे गए थे। हाफिज सईद भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टाप पर है। हाफिज सईद पर 2006 में मुंबई ट्रेन धमाके और 2001 में संसद पर हुए हमले में भी हाथ है।
भारत में आतंकी फंडिंग के लिए पैसा भेजने का भी आरोप
भारत की एनआईए कोर्ट ने भी आतंकी फंडिंग के लिए पैसा पाकिस्तान और उसकी एजेंसियों की ओर से भेजे जाने की बात कही है जिसमें हाफिज भी मुख्य जरिया माना गया है। कोर्ट के अनुसार अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी हाफिज सईद द्वारा भी आतंकी फंडिंग के लिए पैसा भेजा गया था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के अनुसार विभिन्न आतंकवादी संगठन जैसे लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हिज्ब-उल-मुजाहिदीन (एचएम), जम्मू और कश्मीर लिबरेशन फ्रंट (जेकेएलएफ), जैश-ए-मोहम्मद (जेएम), पाकिस्तान के आईएसआई के समर्थन से घाटी में नागरिकों और सुरक्षा बलों पर हमला करके हिंसा को अंजाम देते थे।