माता धूमावती की पूजा विधि
इस दिन 10 महाविद्याओं की पूजा भी की जाती है
धूमावती जयंती 2022 मुहूर्त
धर्म डेस्क: शुक्ल पक्ष में ज्येष्ठ माह की अष्टमी तिथि को माता सती के धूमावती रूप की पूजा की जाती है। यह जयंती 8 जून यानी बुधवार को है। इस दिन सुहागन महिलाओं को यह व्रत या पूजा नहीं करनी चाहिए। क्योंकि माता पार्वती का धूमावती स्वरूप एक विधवा देवी का है. श्री कल्लाजी वैदिक विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभागाध्यक्ष डॉ. मृत्युञ्जय तिवारी बताते हैं कि पौराणिक कथाओं में वर्णित है कि माता सती ने भगवान शिव को निगल लिया था, यही कारण है कि उनको माता धूमावती का स्वरूप भी प्राप्त हुआ।
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धूमावती जयंती 2022 मुहूर्त
ज्येष्ठ शुक्ल अष्टमी तिथि का प्रारंभ:
सुबह 7 बजकर 54 मिनट पर ज्येष्ठ अष्टमी तिथि का समापन होगा।
8 जून को बुधवार के दिन सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर परसिद्धि योग है
8 जून को सुबह से लेकर रात तक सर्वार्थ सिद्धि योग है।
9 जून को सुबह 4 बजकर 31 बजे से सुबह 5 बजकर 23 मिनट तक रवि योग है।
मां धूमावती की पूजा विधि
धूमावती जयंती की सुबह आप माता धूमावती की पूजा विधि के अनुसार करें। उनको अक्षत, सफेद वस्त्र, फूल, धूप दीपक, गन्ध फल व मिठाई आदि को अर्पित करें। फिर धूमावती स्तोत्र और कथा का पाठ करें. पूजा के अंत में मां धूमावती की आरती करें. उनकी कृपा से रोग, दोष, दरिद्रता आदि का नाश होगा.
सुहागन महिलाएं इस दिन पूजा ना करें। वे केवल दूर से ही मां धूमावती के दर्शन कर लें। इस दिन 10 महाविद्याओं की पूजा भी की जाती है। माँ धूमावती के दर्शन करने से आपको सन्तान सुख व सुहाग की रक्षा होती है।