शिवसेना में बगावत के बाद राष्ट्रपति चुनाव ने भी पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का संकट बढ़ा दिया है
दो बार अलग रुख अपना चुकी है शिवसेना
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए दबाव बढ़ रहा है
Maharashtra Political News: शिवसेना में बड़ी बगावत के बाद राष्ट्रपति चुनाव ने भी पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे का संकट बढ़ा दिया है। पार्टी सांसदों की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने के लिए दबाव बढ़ रहा है। दूसरी ओर सहयोगी दल एनसीपी के मुखिया शरद पवार ने खुद विपक्ष के उम्मीदवार यशवंत सिन्हा की कमान संभाल रखी है।
ऐसे में शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे बड़ी दुविधा की स्थिति में फंसे हुए हैं। राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन का फैसला करने के लिए उन्होंने आज पार्टी सांसदों की बैठक बुलाई है। इसे पार्टी में असंतोष थामने की कवायद भी माना जा रहा है। अब सबकी निगाहें इस बैठक पर टिकी हुई हैं कि आखिर शिवसेना की ओर से क्या बड़ा फैसला लिया जाता है।
शिवसेना के सांसद विनायक राउत का कहना है कि राष्ट्रपति चुनाव पर चर्चा के लिए पार्टी के सांसदों की बैठक आज दोपहर में होगी। उन्होंने कहा कि इस महत्वपूर्ण बैठक का एकमात्र एजेंडा राष्ट्रपति चुनाव में पार्टी का रुख तय करना है। 18 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव में समर्थन का फैसला करने से पहले पार्टी प्रमुख सभी सांसदों से व्यापक चर्चा करना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि इस बैठक में सभी सांसद राष्ट्रपति चुनाव को लेकर अपनी बात रखेंगे और उसके बाद समर्थन को लेकर आखिरी फैसला लिया जाएगा
वैसे शिवसेना पहले भी गठबंधन से अलग होकर राष्ट्रपति चुनाव में दूसरे उम्मीदवारों का समर्थन करती रही है। प्रतिभा पाटिल और प्रणब मुखर्जी दोनों को यूपीए की ओर से राष्ट्रपति चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था मगर शिवसेना ने एनडीए से अलग रुख अपनाते हुए इन दोनों उम्मीदवारों का समर्थन किया था। शिवसेना ने 2019 में एनडीए से नाता तोड़ दिया था और फिर पार्टी ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में गठबंधन की सरकार बनाई थी। ऐसे में शिवसेना को राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में बड़ा फैसला लेना है।
पार्टी के दो सांसदों और राहुल शेवाले और राजेंद्र गावित ने पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे को पत्र लिखकर एनडीए की उम्मीदवार द्रौपदी मुर्मू का समर्थन करने की अपील की है। इन दोनों सांसदों ने पार्टी के संस्थापक बाल ठाकरे की ओर से प्रतिभा पाटिल और प्रणव मुखर्जी के समर्थन की याद भी दिलाई है। शिवसेना में हाल में हुई बगावत के बाद उद्धव ठाकरे पर राष्ट्रपति चुनाव में मुर्मू के समर्थन का दबाव बढ़ता दिख रहा है। यही कारण है कि वे राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में सांसदों की राय जानना चाहते हैं।
राष्ट्रपति चुनाव के संबंध में कोई भी फैसला लेने में उद्धव के लिए सबसे बड़ा संकट एनसीपी के प्रमुख शरद पवार बने हुए हैं। शरद पवार के आवास पर आयोजित बैठक में ही यशवंत सिन्हा को विपक्ष का उम्मीदवार बनाने का बड़ा फैसला किया गया था।
पवार खुलकर यशवंत सिन्हा का प्रचार करने में जुटे हुए हैं। ऐसे में द्रोपदी मुर्मू के साथ जाने में पवार की नाराजगी का बड़ा खतरा पैदा हो सकता है। पवार ने यशवंत सिन्हा के प्रचार की कमान भी संभाल रखी है और वे इस बाबत अपनी पार्टी के विधायकों की बैठक भी कर चुके हैं। दूसरी ओर शिवसेना से बगावत करने वाला एकनाथ शिंदे गुट पहले ही द्रौपदी मुर्मू को समर्थन का ऐलान कर चुका है