कुशीनगर में सरकारी पैसों का दुरूपयोग
मनरेगा मजदूरी में फर्जीवाड़े कर पैसे निकाले
शिकायतकर्ता ने उप जिलाअधिकारी को पत्र लिख कार्रवाई की मांग की
योगी सरकार जीरो टोलरेंस पर काम कर रही है, लेकिन सिस्टम में बैठे लोग किस कदर सिस्टम के नियमों को धत्ता बता रहे हैं. इसका अंदाजा आप कुशीनगर में हो रही मिलीभगत से लगा सकते हैं. आरोप है कि कोटेदार और महिला प्रधान के ससुर ने सचिव के साथ मिलीभगत कर जॉब कार्ड बनवाया और सरकारी पैसे का दुरूपयोग किया. सिर्फ इतना ही नहीं प्रधान और कोटेदार दोनों लोगों के पास पात्र गृहस्थी का कार्ड भी है जो कि मानक के अनुरूप नहीं है. इस अनियमितता पर कार्रवाई के लिए विधायक ने पत्र भी लिखा लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई और अधिकारी भी उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं.
दरअसल फाजिलनगर ब्लॉक के कोइलसवा गांव के कोटेदार झल्लर प्रसाद और तत्कालीन महिला प्रधान कांति यादव द्वारा अपने प्रभाव का उपयोग कर कोटेदार झल्लर और प्रधान के ससुर अमीतचंद के नाम जॉब कार्ड बनवाया गया. साथ ही अलग अलग दिनों में काम दिखा कर मनरेगा मजदूरी भी निकाल ली गया.. मनरेगा मजदूरी में इस फर्जीवाड़े के बाद सचिव की मिलीभगत की बात भी कही जा रही है.. यहीं नहीं दोनों के पास पात्र गृहस्थी कार्ड भी है, जिसका लाभ उनके द्वारा लिया जा रहा है
शिकायतकर्ता ने इस पर उप जिलाअधिकारी को पत्र सौंप कार्रवाई की मांग की. लेकिन उनकी नहीं सुनी गई. इसके बाद शिकायतकर्ता ने विधायक को इस प्रकरण से अवगत कराया और विधायक की ओर से दो अलग-अलग दिनों में कार्रवाई के लिए पत्र उप जिलाधिकारी को भेजे गए. लेकिन विधायक की चिट्ठी के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई. ऐसे में अधिकारियों के उदासीन रवैये के चलते सरकारी पैसों का खुले आम नुकसान हो रहै है. इस मामले पर कसया तहसील के उपजिलाधिकारी गोपाल शर्मा ने बताया कि अब तक यह मामला उनके संज्ञान में नहीं था. जांच कर कार्रवाई की जाएगी।