विदेशी फंडिंग केस में इमरान खान दोषी करार
34 विदेशी नागरिकों से लिया था चंदा
भारतीय मूल के कारोबारी ने भी दिया था चंदा
इंटरनेशनल डेस्क: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी के मुखिया इमरान खान को चुनाव आयोग ने 8 साल पुराने विदेशी फंडिग केस में दोषी करार दिया है।
इमरान खान ने 351 कंपनियों से लिया था चंदा
इलेक्शन कमीशन ऑफ पाकिस्तान के मुताबिक पूर्व पीएम इमरान खान ने 34 विदेशी नागरिकों जिसमें भारतीय भी शामिल हैं और 351 कंपनियों से चंदा लिया था। उनपर आरोप है कि उन्होंने विदेशी चंदे का सही से हिसाब नहीं दिया और उसे छिपाने की कोशिश की।
पाकिस्तान में विदेश से राजनीतिक चंदा हासिल करना गैरकानूनी
पाकिस्तान में विदेश से राजनीतिक चंदा हासिल करना गैरकानूनी है। आरोप सिद्ध हो जाने पर इमरान खान के ताउम्र चुनाव लड़ने पर रोक लगाई जा सकती है। इसके अलावा उनकी पार्टी पीटीआई को भी प्रतिबंधित किया जा सकता है। खान पर इलेक्शन कमीशन को झूठा हलफनामा देने का आरोप भी है। उनके और उनकी पार्टी के तमाम अकाउंट्स सीज कर दिए गए हैं।
भारतीय मूल के कारोबारी ने भी दिया था चंदा
इमरान खान पर आरोप है कि उन्होंने अपनी मां के नाम पर बने अस्पताल शौकत खानम कैंसर अस्पताल के नाम पर अरबों रुपये चंदे के रूप में बटोरे। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन्हें 1.64 अरब पाकिस्तानी रुपये डोनेशन के तौर पर प्राप्त हुए। एक सफल क्रिकेटर होने के नाते वह एक सेलिब्रेटी भी बन चुके थे, इसलिए उन्हें जमकर डोनेशन मिले। पाकिस्तानी के मीडिया रपटों में चुनाव आयोग के दस्तावेजों के आधार पर कहा गया है कि खान और उनकी पार्टी को अमेरिका में रह रही भारतीय मूल की बिजनेस वुमन रोमिता शेट्टी से भी डोनेशन के रूप में करीब 14 हजार यूएस डॉलर मिले।
इमरान ने खासमखास ने ही खोला था मोर्चा
पाकिस्तान को क्रिकेट विश्व कप में जीत दिलाकर देश में हीरो बने इमरान खान ने 1996 में अपनी राजनीतिक पार्टी तहरीक-ए-इंसाफ बनाई। उस दौर में पाकिस्तानी मीडिया खान को तालिबान खान कहा करती थी। पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से एक से अकबर एस बाबर, जिन्हें काफी ईमानदार माना जाता है। वह उस दौरान इमरान खान के वफादार हुआ करते थे। लेकिन साल 2014 में बाबर ने खान के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए अदालत में उनके खिलाफ विदेशी फंडिग की शिकायत दर्ज कराई थी।