संजय निषाद को एमपी-एमएलए कोर्ट का समन
आरक्षण देने की मांग को लेकर किया था आंदोलन
रेलवे एक्ट के तहत दर्ज है मुकदमा
यूपी डेस्क: योगी सरकार में मत्स्य पालन मंत्री संजय निषाद की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही है। साल 2015 में सहजनवां के कसरवल कांड में जिला एवं सत्र न्यायालय गोरखपुर के सीजेएम कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद एमपी-एमएलए कोर्ट ने भी समन जारी कर दिया है और तीन दिन के भीतर कोर्ट में हाजिर होने का आदेश दिया है। मंगलवार की शाम समन लेकर आरपीएफ बस्ती की टीम मंगलवार को गोरखपुर आई और समन तामील कराया। टीम पादरीबाजार स्थित कैबिनेट मंत्री के आवास भी गई थी लेकिन मंत्री वहां नहीं मिले, लिहाजा समन उनके घर के बाहर दीवार पर चस्पा कर दिया।
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इधर, सहजनवा के कसरावल में हुए उपद्रव मामले में पुलिस द्वारा दर्ज मुकदमे में आज यानी बुधवार को संजय निषाद की गोरखपुर कोर्ट में पेशी है। संजय निषाद ने कहा है कि वह इस मामले में आज कोर्ट में पेश होंगे। दरअसल, सहजनवा के कसरावल में रेलवे ट्रैक जाम करने के मामले में आरपीएफ बस्ती के तत्कालीन पोस्ट प्रभारी ने संजय निषाद और उनके सहयोगियों के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। जिसकी सुनवाई गोरखपुर के एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में चल रही है। उसी मामले में कोर्ट ने तीन दिन के अंदर संजय निषाद को हाजिर होने के लिए समन जारी किया है।
सरकारी नौकरी में निषादों को पांच फीसदी आरक्षण देने की मांग को लेकर वर्ष 2015 में संतकबीरनगर के कसरवल में बवाल हुआ था। आंदोलनकारी व पुलिस-प्रशासन आमने-सामने आ गए थे। बवाल के दौरान एक युवक की मौत हो गई थी। इससे नाराज आंदोलनकारियों ने रेल ट्रैक बाधित कर दिया था। बताया जा रहा है कि रेल की पटरियां उखाड़ दी गई थी। इस उपद्रव के खिलाफ तत्कालीन सहजनवां थानेदार श्यामलाल यादव ने संजय निषाद समेत 36 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था और इसी मामले में आरपीएफ ने भी रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी सुनवाई गोरखपुर की एमपी-एमएलए कोर्ट नंबर दो में चल रही है।
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