नकली नोट के दो तस्कर हुए गिरफ्तार
बरामद हुई 3.40 लाख की जाली करेंसी
प्रतापगढ़ ले जा रहे थे जाली नोट
प्रयागराज: संगम नगरी प्रयागराज में एसटीएफ को बड़ी सफलता हाथ लगी है। नकली नोट खपाने वाले गैंग के दो तस्करों को एसटीएफ ने गुरुवार अपराह्न छिवकी रेलवे स्टेशन के बाहर से गिरफ्तार किया। पकड़े गए आरोपी जाली करेंसी सप्लाई करने वाले पश्चिम बंगाल के गिरोह से जुड़े हैं। एसटीएफ की गिरफ्त में आए आरोपियों में से एक प्रतापगढ़ का और दूसरा मऊ आइमा का रहने वाला है। एसटीएफ ने इनके पास से 3 लाख 40 हजार की जाली करेंसी बरामद की है। आरोपियों के पास से बरामद सभी नोट दो-दो हजार के है। पूछताछ में पता चला कि जाली नोट वह पश्चिम बंगाल से लेकर आए थे और इसे प्रयागराज, प्रतापगढ़ में खपाना था।
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एसटीएफ के सीओ नवेन्दु कुमार ने बताया की पश्चिम बंगाल के मालदा जिले के गिरोह के सदस्यों को सर्विलांस के जरिए ट्रैक किया जा रहा था। जब गिरोह के दो सदस्य नकली नोटों की खेप लेकर प्रयागराज पहुंचे तो नैनी में जीसी कंपनी के पास उन्हें दबोच लिया गया। पकड़े गए तस्करों में मदन लाल निवासी महेशपुर प्रतापगढ और बबलू चौरसिया निवासी थम्मन का पुरवा, प्रयागराज के है। पूछताछ में दोनों शातिरों ने कबूल किया कि वह एक साल से जाली करेंसी सप्लाई कर रहे है।
आरोपियों ने बताया कि 40 हजार रुपये के असली नोट देने पर एक लाख की जाली करेंसी उन्हें मिलती है। पश्चिम बंगाल का रहने वाला दीपक मंडल, उसका रिश्तेदार सुभाष और बहनोई विश्वजीत सरकार बांग्लादेश से नकली नोट लाकर कई राज्यों में सप्लाई करते है। बता दें कि नकली नोट के इन तस्करों के खिलाफ एसटीएफ लगातार कार्रवाई करती रहती है। इससे पहले एसटीएफ ने वर्ष 2015 में अच्छेलाल चौरसिया को करीब साढ़े सात लाख के नकली नोटों के साथ और साल 2019 में करीब ढाई लाख रुपये के नकली नोटों के साथ गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जेल से छूटने के बाद यह गिरोह फिर से नोटों की सप्लाई करने लगता है। अबकी बार ये उत्तर प्रदेश की बजाय दूसरे राज्यों में जाली करेंसी पहुंचा रहे थे।
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