संयुक्त किसान मोर्चा का प्रदशन जारी
केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी की मांग
राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता मौजदू
यूपी डेस्क: केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी की बर्खास्तगी समेत तमाम मांगों को लेकर लामबंद हुए किसानों का 75 घंटे लगातार यह धरना लखीमपुर खीरी के राजापुर मंडी में शुरू हो चुका है। भारतीय किसान यूनियन टिकैत गुट का दावा है कि यह धरना 18 से 21 अगस्त तक लगातार चलेगा। इसमें 31 किसान संगठन हिस्सा ले रहे हैं। पूरे देश से मंच पर नामी-गिरामी किसान नेता, सामाजिक संगठन व सामाजिक कार्यकर्ता पहुंच चुके हैं। वहीं एएसपी अरुण कुमार सिंह ने बताया कि सुरक्षा व्यवस्था के लिए पीएसी, आरएफ और अतिरिक्त फोर्स मांगा गया था। जिसमें जिले को एक कंपनी और दो प्लाटून मिल गई है। इसके अलावा पुलिस के अधिकारी और कर्मचारी भी तैनात होंगे। ताकि शांतिपूर्ण तरीके से धरना समाप्त हो सके।
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भारतीय किसान यूनियन नेता राकेश टिकैत, योगेंद्र यादव समेत कई किसान नेता धरनास्थल पर पहुंच चुके हैं। धरना स्थल पर पानी और शौचालय की व्यवस्था न होने के चलते राकेश टिकैत की नाराजगी सामने आई है। मंच पर पहुंचे और प्रशासन को चेतावनी दी कि तीन दिन के धरने को लेकर प्रशासन ने बाहर से आने वाले किसानों के लिए पानी और शौचालय की कोई व्यवस्था नहीं की है। अगर एक घंटे के अंदर व्यवस्था दुरुस्त नही हुई तो किसान जिला मुख्यालय पर भी धरना देना जानते हैं। जब उनको इन्फॉर्म कर रखा है तो व्यवस्था क्यों नहीं। हमें प्रशासन की परमिशन की जरूरत नहीं। बस वो बता दें कि वो व्यवस्था करेंगे कि नहीं। वरना हम पानी और अन्य चीजें भी लेना जानते हैं।
राकेश टिकैत ने उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए मांग की है कि तिकुनियां कांड में चार किसानों और एक पत्रकार की हत्या के मामले में केंद्रीय मंत्री अजय मिश्र टेनी के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए। संयुक्त किसान मोर्चा के धरने में पहुंचे भाकियू के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने केंद्र सरकार के समक्ष निम्न मांगें रखी हैं।
यह हैं प्रमुख मांगे
- खीरी कांड में केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्र टेनी को मंत्रिमंडल से बर्खास्त किया जाए और उन पर मुकदमा चले।
- खीरी हत्याकांड में जो किसान जेल में बंद हैं, उनको रिहा किया जाए।
- सभी फसलों की एमएसपी की गारंटी और सभी फसलों की बिकवाली एमएसपी के ऊपर होने की गारंटी करने वाला कानून सरकार बनाएं।
- किसान आन्दोलन के दौरान केन्द्र शासित प्रदेशों व अन्य राज्यों में जो केस किसानों के ऊपर लाद दिए गए थे वो तुरंत वापस लिए जाएं।
- बिजली बिल 2022 वापस लिया जाए।
- उत्तर प्रदेश की खंड मिलों की तरफ जो किसानों की बकाया राशि है वो तुरंत जारी की जाए।
- वर्षों से जंगल के करीब बसे किसानों को जमीन से बेदखल करने के नोटिस देने बंद किए जाएं।
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