अनिल अंबानी को हो सकती है 10 साल की जेल
अनिल अंबानी पर लगा टैक्स चोरी का आरोप
नेशनल डेस्क: रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन अनिल अंबानी पर टैक्स चोरी करने का आरोप लगा है। आयकर विभाग ने उनके खिलाफ कालाधन अधिनियम के तहत मुकदमा चलाने की मांग की है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आईटी डिपार्टमेंट ने अनिल अंबानी पर दो स्विस बैंक खातों में रखे 814 करोड़ रूपये से अधिक के अघोषित धन पर 420 करोड़ रूपये की टैक्स चोरी करने का आरोप लगाया है। इन मामले के अनुसार अनिल अंबानी को 10 साल की जेल हो सकती है
2012-13 से 2019-20 के लिए विदेश में अघोषित संपत्ति रखने का आरोप
आयकर विभाग का कहना है कि रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन ने जानबूझकर आयकर अधिकारियों को विदेशी बैंक खातों की जानकारी नहीं दी थी। उनपर असेसमेंट ईयर 2012-13 से 2019-20 के लिए विदेश में अघोषित संपत्ति रखने और इसके जरिए टैक्स चोरी करने का आरोप है। विभाग द्वारा जारी नोटिस के मुताबिक, टैक्स अधिकारियों ने पाया कि अंबानी बहामास बेस्ड ईकाई डायमंड ट्रस्ट और एक अन्य कंपनी नॉर्दर्न अटलांटिक ट्रेडिंग अनलिमिटेड (NATU) के इकोनॉमिक कंट्रीब्यूटर होने के साथ – साथ बेनिफिशियल ओनर थे।
ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक कंपनी में से स्विस बैंक में एक खाता
बहामास ट्रस्ट की जांच में आयकर विभाग ने पाया कि उनकी ड्रीमवर्क होल्डिंग्स इंक नाम की एक कंपनी है। इस कंपनी के नाम से स्विस बैंक में एक खाता है, जिसमें 31 दिसंबर 2007 को अधिकतम बैलेंस 255 करोड़ रूपये से अधिक था। ट्रस्ट को 200 करोड़ की शुरूआती फंडिंग मिली थी। इस कंपनी के खाते में अनिल अंबानी के व्यक्तिगत खाते से रकम ट्रांसफर की गई थी। विभाग की जांच में सामने आया है कि इस ट्रस्ट के लाभार्थी उनके परिवार के सदस्य हैं। साल 2006 में रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन ने इस ट्रस्ट को खोलने के लिए केवाईसी ( नो योर कस्टमर) दस्तावेज के रूप में अपना पासपोर्ट दिया था।
इनकम टैक्स डिपार्टमेंट का आरोप है कि अनिल अंबानी ने अपनी आयकर रिटर्न में इन विदेशी संपत्तियों के बारे में कुछ नहीं बताया। उन्होंने साल 2015 में मोदी सरकार द्वारा लाए गए काला धन अधिनियम के प्रावधानों का उल्लंघन किया है। विभाग के मुताबिक, 63 वर्षीय अंबानी ने ऐसा जानबूझकर किया है।
10 साल की हो सकती है जेल
आयकर विभाग ने इस माह की शुरूआत में ही अनिल अंबानी को नोटिस जारी किया था। उन्हें 31 अगस्त तक अपने ऊपर लगे आरोपों का जवाब देना है। अगर वे जवाब देने में असफल रहते हैं तो उनपर काला धन अधिनियम 2015 की धारा 50 और 51 के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है, जिसमें जुर्माने के साथ – साथ अधिकतम 10 साल की जेल का प्रावधान है।