आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन
मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की करते हैं पूजा
Navratri 7th Day: आज शारदीय नवरात्रि का सातवां दिन है। आज मां दुर्गा के कालरात्रि स्वरूप की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं। मां कालरात्रि का स्वरूप बहुत ही विकराल और डरावना है। आइए जानें मां कालरात्रि के रंग, भोग, मंत्र और आरती के बारे में……..
मां कालरात्रि का प्रिय फूल और रंग
इस देवी को लाल रंग प्रिय है. इसलिए इनकी पूजा में लाल गुलाब या लाल गुड़हल का फूल अर्पित करना चाहिए। हालांकि इनको रातरानी का फूल भी चढ़ाना शुभ होता है।
मां कालरात्रि का प्रिय भोग
नवरात्रि के सातवे दिन की पूजा में माता कालरात्रि को आप गुड़ का भोग लगाएं। इससे देवी कालरात्रि प्रसन्न होती है।
मां कालरात्रि का सिद्ध मंत्र
‘ओम ऐं ह्रीं क्लीं चामुण्डायै विच्चै ऊं कालरात्रि दैव्ये नम:।’
शुभ मुहूर्त
- अश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि शुरू – 1 अक्टूबर 2022, रात 08:46
- अश्विन शुक्ल सप्तमी तिथि समाप्त – 2 अक्टूबर 2022, शाम 06:47
- ब्रह्म मुहूर्त – सुबह 04.43 – सुबह 05.31
- अभिजीत मुहूर्त – सुबह 11.52 – दोपहर 12.40
- अमृत काल – रात 07.50 – रात 09.20
- निशिता मुहूर्त – 2 अक्टूबर, 11.52 – 3 अक्टूबर, 12.41 (रात्रि पूजा का समय)
मां कालरात्रि पूजा विधि
- सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि से निवृत्त होकर साफ- स्वच्छ वस्त्र धारण कर लें।
- मां की प्रतिमा को गंगाजल या शुद्ध जल से स्नान कराएं।
- मां को लाल रंग के वस्त्र अर्पित करें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार मां को लाल रंग पसंद है।
- मां को स्नान कराने के बाद पुष्प अर्पित करें।
- मां को रोली कुमकुम लगाएं।
- मां को मिष्ठान, पंच मेवा, पांच प्रकार के फल अर्पित करें।
- मां कालरात्रि को शहद का भोग अवश्य लगाएं।
- मां कालरात्रि का अधिक से अधिक ध्यान करें।
- मां की आरती भी करें।
मां कालरात्रि की आरती
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
काल के मुह से बचाने वाली॥
दुष्ट संघारक नाम तुम्हारा।
महाचंडी तेरा अवतार॥
पृथ्वी और आकाश पे सारा।
महाकाली है तेरा पसारा॥ कालरात्रि जय…
खडग खप्पर रखने वाली।
दुष्टों का लहू चखने वाली॥
कलकत्ता स्थान तुम्हारा।
सब जगह देखूं तेरा नजारा॥ कालरात्रि जय…
सभी देवता सब नर-नारी।
गावें स्तुति सभी तुम्हारी॥
रक्तदंता और अन्नपूर्णा।
कृपा करे तो कोई भी दुःख ना॥ कालरात्रि जय…
ना कोई चिंता रहे बीमारी।
ना कोई गम ना संकट भारी॥
उस पर कभी कष्ट ना आवें।
महाकाली माँ जिसे बचाबे॥ कालरात्रि जय…
तू भी भक्त प्रेम से कह।
कालरात्रि माँ तेरी जय॥
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।
कालरात्रि जय-जय-महाकाली।