27 अक्टूबर को बंदद होंगे बाबा केदारनाथ धाम के कपाट
बद्री-केदार मंदिर समिति तैयारियों में जुटी
ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ की होंगी शीतकालीन पूजा
नेशनल डेस्क: भैयादूज पर्व पर 27 अक्टूबर को सुबह 8 बजकर 30 मिनट पर बाबा केदारनाथ धाम के कपाट को वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बंद कर दिया जाएगा, जिसको लेकर भी बद्री-केदार मंदिर समिति तैयारियों में जुटी हुई है। वहीं, इससे पहले आज बाबा केदारनाथ धाम में पौराणिक परंपरा अनुसार वैदिक मंत्रोच्चार के साथ तीर्थ पुरोहितों द्वारा भगवान श्री केदारेश्वर जी का छत्र उतारा गया।
27 अक्तबूर को शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे कपाट: कार्याधिकारी
बदरी-मंदिर समिति के कार्याधिकारी ने बताया कि केदारनाथ धाम के कपाट इस यात्रा वर्ष 27 अक्तबूर प्रात साढ़े आठ बजे शीतकाल के लिए बंद किए जाएंगे। इससे पहले भगवान की समाधि पूजा की जाएगी। उन्होंने बताया कि भगवान केदारनाथ की पंचमुखी चल विग्रह डोली 27 अक्तूबर को फाटा पहुंचेगी।
28 अक्तूबर को डोली गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी। 29 अक्तूबर को केदारनाथ की डोली पंचकेदार गद्दीस्थल ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ पहुंचेगी। यहां परम्परा के अनुसार डोली को मंदिर में विराजमान होगी। इसी दिन से ओंकारेश्वर मंदिर ऊखीमठ में केदारनाथ की शीतकालीन पूजाएं होंगी। आपको बता दें कि दिवाली से पहले पीएम नरेंद्र मोदी और सीएम पुष्कर सिंह धामी केदारनाथ धाम के दर्शन और पूजन कर चुके हैं।
बदरीनाथ के कपाट कब बंद होंगे?
बदरीनाथ धाम के कपाट 19 नवंबर को बंद होंगे। वहीं, बदरीनाथ धाम में कपाट बंद होने की प्रक्रिया की शुरुआत 15 नवंबर को पंच पूजा के साथ होगी। इसी दिन शाम को श्रीगणेश जी के कपाट बंद होंगे। 16 नवंबर को आदि केदारेश्वर मंदिर के कपाट बंद होंगे। 17 नवंबर को खड्ग पुस्तक पूजन और वेद ऋचाओं का पाठ बंद होगा।
18 नवंबर को लक्ष्मी माता को कढ़ाई भोग लगाया जाएगा। 19 नवंबर को श्री उद्धवजी और भगवान कुबेर को मंदिर प्रांगण में रखा जाएगा। माता लक्ष्मी को रावलजी स्त्री वेश में श्री बदरी विशाल के नजदीक स्थापित किया जाएगा। 19 नवंबर को शाम 3 बजकर 35 मिनट पर बदरीनाथ धाम के कपाट को बंद किया जाएगा।