G-20 समिट के बीच पोलैंड पर मिसाइल अटैक
मिसाइल हमले में 2 लोगों की मौत
रूस पर हमले का आरोप
इंटरनेशनल डेस्क: इंडोनेशिया के बाली आयोजित G-20 समिट के बीच पोलैंड में एक बड़ी घटना घटी है। रूस और युद्धग्रस्त यूक्रेन का पड़ोसी देश पोलैंड ने मंगलवार को दावा किया कि उसपर रूसी मिसाइल दागी गई है, जिसमें दो लोगों की जान गई। पोलैंड के इस दावे से दुनिया में हड़कंप मच गया है। रूस ने पोलैंड के आरोप को खारिज किया है। रूस ने नाटो मेंबर पर मिसाइल दागने से इनकार करते हुए इसे एक साजिश बताया है।
पोलैंड ने बुलाई आपात बैठक
पोलैंड के प्रधानमंत्री माटुस्ज मोराविकी ने मिसाइल गिरने की खबरों के बाद आपात बैठक बुलाई। बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा मामलों को लेकर बैठक हुई। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि ये मिसाइलें रूस में बनी हैं। मिसाइल हमले से दो लोगों की मौत हुई है। इस मामले में जांच जारी है, जल्द ही इस बारे में अपडेट दिया जाएगा।
दरअसल, रूस – यूक्रेन जंग शुरू होने के बाद यूक्रेन से बड़ी संख्या में लोग पोलैंड में शरण लेने के लिए गए। वहां, अब भी बड़ी संख्या में शरणार्थी मौजूद हैं। इसके अलावा युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को भी पोलैंड के जरिए रेस्क्यू किया गया था। जंग के शुरूआत से ही पोलैंड रूस की कठोर आलोचना करता है। उसने कई रूसी राजनियकों को देश से निकाल दिया था।
अमेरिका ने रूस को दी चेतावनी
इंडोनेशिया में मौजूद अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने घटना के बाद फौरन जी-7 देशों की एक बैठक बुलाई। जिसमें कनाडा, फ्रांस, जर्मनी, इटली, जापान, यूके जैसे देश शामिल हुए। इसके अलावा नाटो मेंबर नीदरलैंड, स्पेन, ईयू और यूरोपीय काउंसिल के अध्यक्ष भी शामिल हुए। उन्होंने कहा, पोलैंड में रूस की मिसाइलें गिरना संभव नहीं लगता। फिर भी घटना की जांच की जाएगी। जानकारी के मुताबिक, राष्ट्रपति बाइन ने पोलिश राष्ट्रपति एंड्रेज डूडा से फोन पर घटना की पूरी जानकारी ली है। नाटो के महासचिव स्टोलटेनबर्ग ने कहा कि हम नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करेंगे।
रूस के खिलाफ एक्शन ले नाटो: जेलेंस्की
यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की ने पोलैंड पर रूसी मिसाइल गिरने की निंदा की है। उन्होंने नाटो से फौरन रूस के खिलाफ एक्शन लेने की मांग की है। उन्होंने पोलिश राष्ट्रपति से फोन पर बाचतीच में रूसी मिसाइल से मारे गए नागरिकों की मौत पर शोक जताया है। जेलेंस्की ने कहा कि नाटो के सदस्य देश पर हमला एक गंभीर मसला है। यह दिखाता है कि रूस का आतंक अब केवल हमारे देश की सीमाओं तक ही सीमित नहीं रहा।