आराधना महोत्सव में आर एस एस प्रमुख मोहन भागवत का संबोधन
धर्म बिना आध्यात्म के संभव नहीं है
कहा धर्म का अर्थ है सबको साथ लेकर चलना है
धर्म कहता है जो बलवान है दुर्बलों को लेकर साथ चलेगा
नेशनल डेस्क:- RSS प्रमुख मोहन भागवत(mohan bhagwat) प्रयागराज पहुंचे । इस दौरान उन्होंने अलोपीबाग में स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती के आश्रम(Swami Vasudevananda Saraswati’s Ashram) में आराधना महोत्सव में शिरकत की ।यह कार्यक्रम ज्योतिष्पीठ के ब्रह्मलीन शकराचार्य ब्रह्मानंद सरस्वती(Brahmalin Shakracharya Brahmananda Saraswati) के 150वें जन्मोत्वस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया है। इस महोत्सव का शुभारंभ मोहन भागवत ने किया । कई मुद्दों को लेकर इस दौरान चर्चा हुई ।
आध्यात्म के बिना धर्म का अस्तिव नहीं
इस मौके पर मोहन भागवत ने कहा कि आध्यात्म हमें मनुष्यता की ओर ले जाता है। जीवन में आध्यात्म का बहुत ज्यादा महत्व है। आध्यात्मिक उन्नति(spiritual growth) से ही मानव का विकास हो सकता है। आध्यात्म सबको साथ लेकर चलने की शक्ति प्रदान करता है। उन्होंने कहा कि आध्यात्म के बिना धर्म का कोई अस्तित्व नहीं है।
7.15 बजे प्रयागराज पहुंचे थे भागवत
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत दरभंगा से प्रयागराज के लिए स्वतंत्रता संग्राम सेनानी एक्सप्रेस में सवार हुए। सुबह 7.15 बजे वह प्रयागराज जंक्शन पहुंचे। वहां से वह सीधे सिविल लाइंस स्थित आनंदा कार्यालय पहुंचे। वहां विश्राम के बाद वह अलोपीबाग आश्रम में मौजूद कार्यक्रम में शिरकत करेंगे। कार्यक्रम में शिरकत करने के साथ ही स्वामी वासुदेवानंद से उनकी अलग से मुलाकात भी संभव है।इस दौरान ज्योतिष्पीठ विवाद पर स्वामी वासुदेवानंद से उनकी वार्ता हो सकती है।
संन्यास धारण करने का भी अधिकार नहीं-स्वामी वासुदेवानंद
दरअसल, अलोपीबाग स्थित शंकराचार्य आश्रम में राम मंदिर तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने ज्योतिष्पीठाधीश्वर के रूप में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद के पट्टाभिषेक को गलत बताया है। कहा कि वह शंकराचार्य न हैं, न कभी हो सकते हैं। उन्हें संन्यास धारण करने का भी अधिकार नहीं है।