भगवंत मान सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिए
जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गए स्कूलों के नाम बदलें गए
सभी विद्यार्थियों को समानता के आधार पर शिक्षा दी जा रही है
(पंजाब डेस्क) पंजाब की भगवंत मान सरकार ने 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिए हैं। राज्य के स्कूल शिक्षा विभाग ने प्राथमिक और उच्च विद्यालयों सहित 56 सरकारी स्कूलों के नाम बदल दिए हैं। इन स्कूलों के नए नाम अब उस गांव के नाम पर, जहां वे मौजूद हैं, या किसी प्रसिद्ध हस्ती, शहीद या स्थानीय नायक के नाम पर रखे गए हैं। ये फैसला स्कूल शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस द्वारा जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गए सरकारी स्कूलों के नाम बदलने का आदेश जारी किए जाने के कुछ सप्ताह बाद लिया गया है।
लिस्ट को देखने से पता चलता है कि अधिकांश 28 स्कूलों के नाम के साथ ‘बाजीगर’ जुड़ा हुआ था क्योंकि वे बाजीगर समुदाय की आबादी वाले कालोनियों में स्थित हैं। गौरतलब है कि बाजीगर पंजाब में एक अधिसूचित अनुसूचित जाति समुदाय है। हालांकि, लुधियाना और मुक्तसर में एक-एक स्कूल ने विभाग को लिखा है कि उनकी ग्राम पंचायत नहीं चाहती कि स्कूल का नाम बदला जाए और वे अपने नाम पर ‘बाजीगर बस्ती’ के संदर्भ को जारी रखना चाहती हैं। विभाग ने इन दोनों स्कूलों का नाम बदलने पर रोक लगा दी है।बैंस ने कहा था, राज्य के कई सरकारी विद्यालयों के नाम किसी जाति से जुड़े होने के कई मामले सामने आए हैं. उन्होंने कहा था कि इससे समाज में जातिगत अलगाव को बढ़ावा मिलता है. उन्होंने कहा था कि पंजाब के सरकारी विद्यालयों में सभी विद्यार्थियों को समानता के आधार पर शिक्षा दी जा रही है
सत्तारूढ़ पार्टी की राज्य इकाई ने एक ट्वीट में कहा, स्कूलों के नाम गांव, या किसी स्थानीय नायक, शहीद या किसी जानी-मानी हस्ती के नाम पर रखे गए हैं. जिन स्कूलों के नाम बदले गये हैं, उनमें पटियाला जिले के 12, मानसा के सात, नवांशहर के छह और संगरूर और गुरदासपुर के चार-चार तथा फतेहगढ़ साहिब, बठिंडा, बरनाला और मुक्तसर के तीन-तीन स्कूल शामिल हैं. बैंस ने एक दिसंबर को राज्य के उन सभी सरकारी विद्यालयों के नाम बदलने के आदेश जारी किए थे, जिनके नाम किसी जाति और बिरादरी के आधार पर रखे गये हैं