जोशीमठ में खतरा बनी इमारतें होंगी जमींदोज
जोशीमठ के इलाके को तीन जोन में बांटा गया
जोशीमठ इलाके से हटाए गए 4 हजार लोग
Joshimath land-sinking: जोशीमठ में भूधंसाव के कारण प्रतिबंधित हो चुके दो होटलों मलारी इन और माउंट व्यू को आज ध्वस्त करने की कार्रवाई शुरू कर दी गई है। एनडीआरएफ की टीम मौके पर पहुंच गई है। वहीं, आस पास के लोगों को प्रशासन द्वारा हटाया गया है। बता दें कि जोशीमठ के इलाके को तीन जोन में बांटा गया है। इन्हें खतरनाक, बफर और पूरी तरह से सुरक्षित हिस्सों में रखा गया है। इन जोन को मैग्नीट्यूड के आधार पर भूस्खलन के खतरे को देखते हुए बनाया गया है. भू-धंसाव के शिकार जोशीमठ की 600 से ज्यादा इमारतों पर दरारें मिली हैं.
मामले में अधिकारियों ने कहा कि जिन बिल्डिंगों में दरारें और ज्यादा नुकसान हुआ है, उन्हें जमींदोज किया जाएगा, जिससे पास की इमारतों को कोई नुकसान न हो. बताया गया है कि ध्वस्तीकरण का काम आज यानी मंगलवार से शुरू होगा.
जोशीमठ को आपदा बहुल क्षेत्र घोषित कर दिया गया है और इस शहर के साथ ही आसपास के इलाकों में भी निर्माण गतिविधियों पर रोक लगा दी गई है. एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के अनुसार, करीब 4 हजार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा दिया गया है. गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा कि ऐसा लगता है, जोशीमठ का 30 फीसदी हिस्सा भू-धंसाव से प्रभावित हुआ है. विशेषज्ञों की एक कमेटी इस पर एक सामूहिक रिपोर्ट देगी, जो पीएम कार्यालय में जमा होगी.
उत्तराखंड के सीएम पुष्कर सिंह धामी ने सभी से जोशीमठ को बचाने की अपील की है. वहीं, पीएम नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद करने का आश्वासन दिया है. जोशीमठ में उन इमारतों को ही ध्वस्त किया जाएगा, जो विशेषज्ञों द्वारा खतरनाक घोषित की जाएंगी.