दिग्गज नेता शरद यादव का आज निधन
2020 में कांग्रेस में शामिल हुईं सुभाषिनी
राजनीति में सक्रिय हैं सुभाषिनी यादव
Sharad yadav Death: पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव का गुरुवार को 75 साल की उम्र में निधन हो गया. उनके निधन की जानकारी उनकी बेटी सुभाषिनी शरद यादव ने दी है. उन्होंने लिखा नहीं रहे पापा। शरद यादव के पार्थिव शरीर को आज सुबह 10 बजे से अंतिम दर्शन के लिए उनके दिल्ली स्थित आवास 5 A वेस्टेंड में रखा जाएगा. उनकी बेटी और उनके दामाद ने इस संबंध में जानकारी दी है. वहीं, उनके निधन के बाद राजनीति में शोक जताया जा रहा है।
बता दें कि, शरद यादव 7 बार लोकसभा के सांसद रहे हैं. वे केंद्रीय मंत्री भी रहे हैं. इसके साथ ही जयप्रकाश नारायण से लेकर चौधरी चरण सिंह और अटल बिहारी वाजपेयी के साथ काम करने का लंबा अनुभव समेटे थे. वे समाजवादी विचारों के मुखर समर्थक थे और डॉ. राम मनोहर लोहिया के आदर्शों से काफी प्रभावित थे. शरद यादव के निधन पर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत अन्य बड़े नेताओं ने शोक जताया और श्रद्धांजलि दी है.
जानकारी के मुताबिक, शरद यादव की दो संतान हैं. बेटी सुभाषिनी और बेटा शांतनु है. सुभाषिनी यादव पहले से ही राजनीति में सक्रिय हैं और कांग्रेस पार्टी से जुड़ी हैं. हाल ही में वह राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में भी खासी सक्रिय देखी गईं. सबसे पहले उन्होंने मध्य प्रदेश, राजस्थान में यात्रा जॉइन की. उसके बाद हरियाणा और पंजाब में भी यात्रा में शामिल हुईं. सुभाषिनी ने पिता शरद यादव से राजनीति सीखी है और उनके विचारों को आगे बढ़ाने की बात करती हैं. सुभाषिनी यादव 2020 विधानसभा चुनाव के समय कांग्रेस में शामिल हो गई थीं. उन्होंने बिहारीगंज सीट से चुनाव भी लड़ा था. हालांकि, हार गई थीं।
शरद यादव का बिहार की मधेपुरा लोकसभा सीट से खासा लगाव रहा है. अगस्त 2017 में नीतीश कुमार से अनबन के बाद जदयू से बाहर आए शरद यादव ने लोकतांत्रिक जनता दल (LJD) का गठन किया था. वे 2019 के चुनाव में महागठबंधन के हिस्सा भी रहे और मधेपुरा से चुनाव लड़े. लेकिन, हार गए थे.