भारतीय नौसेना में शामिल हुई ‘सैंड शार्क
नौसेना समुद्र के अंदर और हुई मजबूत
बेहतरीन ‘सेंसर’ और हथियारों से लैस
(नेशनल डेस्क) अब हिंद महासागर में चीन की दादागीरी नहीं चलेगी. समंदर में भारत की ताकत बढ़ गई है. कलवरी श्रेणी की पनडुब्बियों की पांचवीं पनडुब्बी आईएनएस वागीर को आज भारतीय नौसेना में शामिल किया गया, जिससे बल की ताकत और बढ़ेगी.नौसेनाध्यक्ष एडमिरल आर हरि कुमार की मौजूदगी में कलवारी श्रेणी की 5वीं सबमरीन ‘वागीर’ को सोमवार को भारतीय नौसेना में शामिल किया गया। नौसेना ने कहा है कि आईएनएस वागीर दुनिया के बेहतरीन सेंसर और टारपीडो और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलों से लैस है। इस पनडुब्बी में विशेष अभियानों के लिए समुद्री कमांडों को लॉन्च करने की भी क्षमता है।
नौसेना के मुताबिक ‘आईएनएस वागीर’ दुनिया के कुछ बेहतरीन ‘सेंसर’ और हथियारों से लैस है, जिसमें ‘वायर गाइडेड टॉरपीडो’ और सतह से सतह पर मार करने वाली मिसाइलें शामिल हैं, जो दुश्मन के बड़े बेड़े को बेअसर कर सकती हैं. नौसेना के अनुसार, ‘वागीर’ का अर्थ ‘सैंड शार्क’ है, जो तत्परता एवं निर्भयता के भाव को प्रतिबिंब करती है.
आईएनएस वागीर पूरी तरह से भारत में बनी है। इसे फ्रांस की कंपनी नेवल ग्रुप के साथ मिलकर मुंबई के मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स लिमिटेड ने बनाया है। इस सबमरीन की खासियत ये है कि इस सबमरीन को एंटी सबमरीन युद्ध, खूफिया सूचना जुटाने, समुद्र में बारूदी सुरंग बिछाने और सर्विलांस के काम में इस्तेमाल किया जा सकता है। इस सबमरीन को समुद्र के तट पर और मध्य समुद्र दोनों जगह तैनात किया जा सकता है। इस सबमरीन के ट्रायल हो चुके हैं।
आईएनएस वागीर कलवारी क्लास की पांचवी पनडुब्बी है और इसमें कई बड़ी मिसाइल रखी जा सकती है। इसका रडार सिस्टम दुनिया से सबसे बेहतरीन में से एक है और इसकी स्पीड भी अच्छी मानी गई है। 67 मीटर लंबी यह पनडुब्बी पानी के ऊपर 20 किमी और पानी के अंदर 40 किमी की स्पीड से चल सकती है।
इसमें एक साथ 50 से अधिक नौसेना के जवान और अधिकारी कोई भी मिशन में शामिल हो सकते हैं।यह आधुनिक डीजल और इलेक्ट्रिक अटैक सबमरीन है। इसमें चार MTU 12V 396 SE84 डीजल इंजन के साथ X360 बैटरी सेल्स लगे हुए है। बिना आवाज किए यह सबमरीन तेजी के साथ दुश्मन के पास जाकर हमला कर सकती है। समुद्री लहरों पर इसकी रफ्तार 20 किलोमीटर प्रतिघंटा है, जबकि समुद्र के अंदर गोता लगाने के बाद 37 किलोमीटर प्रतिघंटा की गति पकड़ लेती है।