आइए जानते हैं क्या है मतदान दिवस
मतदान दिवस की शुरुआत कैसे हुई
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 कब है
National Desk: मतदाता दिवस 2023। सन 1950 में भारत के चुनाव आयोग की स्थापना की गई थी। पर शेषन के मुख्य चुनाव आयुक्त बनने से पहले तक निर्वाचन आयोग एक दंत विहीन संस्थान था। उनके बाद त कई मुख्य चुनाव आयुक्तों ने निर्वाचन आयोग में कई तरह के अभिनव प्रयोग किये। इस में से एक प्रयोग मतदाता दिवस का भी है। इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य नए जुड़ाव के लिए नामांकन को बढ़ावा देना, सुविधा प्रदान करना और अधिकतम करना है।
इस वर्ष, हम 13वां राष्ट्रीय मतदाता दिवस मना रहे हैं
अधिक युवा मतदाताओं को राजनीतिक प्रक्रिया में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए, भारत सरकार ने हर साल 25 जनवरी को “राष्ट्रीय मतदाता दिवस” के रूप में मनाने का फैसला लिया । आयोग के स्थापना दिवस को चिह्नित करने के लिए 25 जनवरी, 2011 से इसकी शुरुआत की गई है।
देश की जनता के लिए मतदान सबसे महत्वपूर्ण अधिकारों में से एक है जो लोकतंत्र में प्रत्येक व्यक्ति के पास है। वोट देने का अधिकार आम जनता को अपनी मनपसंद सरकार को चुनने का अवसर प्रदान करता है। साथ ही यह भी नियंत्रित करने में मदद करता है कि कौन सी पार्टी आप द्वारा दिए गय मतों से चुनकर शासन करेगी ।आप अपने स्तर पर देश में किस प्रकार की विकास और कल्याण योजनाएं देखना चाहते हैं। देश को विकास की ओर अग्रसर करने में जहां एक ओर चुनी हुई सरकार को ज़िम्मेदारी बनती हैं वही उससे भी कहीं ज्यादा जिम्मेदारी जनता की बनती है कि वह अपनी बुद्धि और विवेक द्वारा निस्वार्थ रूप से कौन सी सरकार को गद्दी पर बैठा रही है। अक्सर देखा जाता है कि लाखों लोग इलेक्शन के दौरान मतदान की जिम्मेदारी से कतराते हैं । जो देश की तरक्की के लिए बेहद अनुचित है। इसे ठीक करने और लोगों को मतदान के लिए पंजीकरण करने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए हर साल 25 जनवरी को राष्ट्रीय मतदाता दिवस मनाया जाता है।
मतदान दिवस का अभिप्राय
चुनाव या निर्वाचन, लोकतंत्र का एक महत्वपूर्ण प्रक्रिया है जिसके द्वारा जनता (लोग) अपने प्रतिनिधियों को चुनती है। चुनाव के द्वारा ही आधुनिक लोकतंत्रों के लोग विधायिका (और कभी-कभी न्यायपालिका एवं कार्यपालिका) के विभिन्न पदों पर आसीन होने के लिये व्यक्तियों को चुनते हैं।
इस बात राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023की क्या होगा थीम राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 थीम का मुख्य लक्ष्य देश की जनता को मतदान के अधिकारों के प्रति जागरूक कर अधिक से अधिक लोगों को उनकी उम्र, लिंग, जातीयता या अन्य विशेषताओं की परवाह किए बिना चुनाव में मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करना है। भारतीय चुनाव आयोग पूरी मतदान प्रक्रिया में मतदाता पहुंच को आसान बनाने और बेहतर बनाने के उपायों पर भी ध्यान केंद्रित करता है।
चुनावों को समावेशी सुल और सहभागी बनाना राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 थीम का फोकस है.राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 एक नैतिक जिम्मेदारी की तरह मनाएं राष्ट्रीय मतदाता दिवस भारत सरकार और गैर सरकारी संगठनों और संगठनों द्वारा आयोजित विभिन्न प्रमुख जागरूकता अभियान के अनुरूप ही संचालित होता है। जो मतदान के अधिकारों और शक्तियों के बारे में नागरिकों के बीच जागरूकता पैदा करने का काम करते हैं। मतदान दिवस का मूल उद्देश्य मतदाताओं को मतदान करने के लिए प्रोत्साहित करना और मतदान के लिए पंजीकरण की प्रक्रिया को सुगम बनाना है।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 कब है?
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023, हमेशा की तरह अपनी निर्धारित तारीख 25 जनवरी को मनाया जाएगा। राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023का जश्न 2011 में भारत की तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा देवी पाटिल द्वारा शुरू किया गया था। जिसका उद्देश्य मतदान के महत्व, भारत के चुनाव आयोग के इतिहास और योगदान के बारे में जानकारियों को मतदाताओं के बीच फैलाना था।
राष्ट्रीय मतदाता दिवस 2023 इस बार और भी ज्यादा आवश्यक है । क्योंकि इस बार विभिन्न राज्यों में चुनाव होने हैं। ऐसे में मतदाताओं की महत्वपूर्ण भागीदारी के लिए उन्हें जागरूक करना बेहद आवश्यक है।