राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेहरू सरनेम वाले सवाल पर किया पलटवार
राहुल गांधी ने कहा कि, पीएम मोदी ने उनका अपमान किया
मैंने संसद में हमारे प्रधानमंत्री और अडाणी के रिश्ते के बारे में भाषण दिया था
नेशनल डेस्क: कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेहरू सरनेम वाले सवाल पर सोमवार को पलटवार किया है। राहुल गांधी ने केरल में अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में एक सभा को संबोधित करते हुए कहा, ‘पीएम खुद को बहुत ताकतवर समझते हैं। उन्हें लगता है कि सब उनसे डर जाएंगे, लेकिन उन्हें शायद पता नहीं कि वे आखिरी शख्स होंगे जिनसे मुझे डर होगा। मैंने संसद में जो भी कहा सच कहा था और इसलिए मेरे मन में डर नहीं था। मेरे अपमान से कुछ नहीं होगा। सच तो सामने आ ही जाएगा।’
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि, पीएम मोदी ने उनका अपमान किया है। उन्होंने यह भी कहा कि, ‘उन्होंने (पीएम मोदी ) कहा कि, मेरे नाम में गांधी क्यों है, नेहरू क्यों नहीं है। यह मेरा अपमान है। भारत में पिता का सरनेम लगाते हैं। शायद पीएम मोदी ये नहीं समझते हैं। यह सब राहुल ने अपने संसदीय क्षेत्र वायनाड में एक सभा को संबोधित करते हुए की हैं।आपको बता दें कि, पीएम मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर जवाब कहा था कि, सरकारी योजनाओं का नाम बदलने को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि, किसी कार्यक्रम में अगर नेहरूजी के नाम का उल्लेख नहीं हुआ तो कुछ लोगों के बाल खड़े हो जाते थे। लहू गर्म हो जाता था। उन्होंने कहा कि, मुझे ये समझ नहीं आता कि उनकी पीढ़ी का कोई व्यक्ति नेहरू सरनेम रखने से डरता क्यों है। आपको किस बात की शर्मिंदगी होती है। नेहरू महान थे तो उनका सरनेम क्यों नहीं लगाते।
इस देश में हर किसी के लिए संसद की कार्यवाही देखना, देश में क्या हो रहा है यह जानना महत्वपूर्ण है। PM और अडाणी के बीच साठगांठ को समझना इंपोर्टेंट है। राहुल बोले- कुछ दिन पहले मैंने संसद में हमारे प्रधानमंत्री और अडाणी के रिश्ते के बारे में भाषण दिया था। मैंने बेहद विनम्र और सम्मानजनक ढंग से अपनी बात रखी। मैंने किसी भी तरह की खराब भाषा का इस्तेमाल नहीं किया, ना किसी को अपशब्द कहे, मैंने केवल कुछ तथ्यों को उठाया।मैंने केवल ये बताया कि अडाणी किस तरह PM के साथ विदेशों की यात्रा करते हैं और उसके तुरंत बाद इन देशों में उन्हें ठेके मिल जाते हैं। मैंने ये बताया कि किस तरह नियमों को बदला गया ताकि अडाणी को ये एयरपोर्ट मिल सकें। पहले जिन लोगों के पास एयरपोर्ट के संचालन का अनुभव नहीं होता था वो आवेदन नहीं कर सकते थे, लेकिन अडाणी को प्रोसेस में शामिल कराने के लिए नियम बदल दिए गए।
नीति आयोग और अन्य संस्थानों ने इस पर टिप्पणी की और कहा कि उन्हें अनुमति नहीं दी जानी चाहिए, लेकिन फिर भी उन्हें अनुमति दी गई। श्रीलंका में एक सार्वजनिक सुनवाई के दौरान एक अधिकारी ने ये कहा कि PM मोदी ने अडाणी को बंदरगाह का ठेका देने के लिए दबाव बनाया था।
अडाणी और प्रधानमंत्री ऑस्ट्रेलिया जाते हैं और भारत का स्टेट बैंक अडाणी को एक खदान प्रोजेक्ट के लिए एक अरब डॉलर का क़र्ज़ दे देता है। मेरे भाषण देने के बाद मेरे भाषण के अधिकतर हिस्से को संसद के रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया गया।