एससी-एसटी कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया
चार आरोपियों में से तीन को कर दिया बरी
फैसले के बाद से पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं
उत्तरप्रदेश डेस्क: हाथरस गैंगरेप मामले में एससी-एसटी कोर्ट ने गुरुवार को बड़ा फैसला सुनाया है। कोर्ट ने चार आरोपियों में से तीन को बरी कर दिया है, जबकि एक आरोपी संदीप ठाकुर को दोषी करार दिया है। कोर्ट ने संदीप गैर इरादतन हत्या और एससी-एसटी एक्ट में दोषी माना है। वहीं इस मामले में अब कोर्ट आज सजा का ऐलान भी कर सकता है। इस मामले में कुल चार लोगों को आरोपी बनाया गया था। जिसमें युवती के गांव के रहने वाले संदीप ठाकुर, रवि, रामू और लव-कुश शामिल थे।बता दें कि चारों आरोपियों की पेशी कोर्ट में सुबह 11 बजे की गई थी। फैसले को देखते हुए कोर्ट में भारी सुरक्षा बल तैनात किया गया था। वहीं खबरों के मुताबिक यह भी जानकारी सामने आई है कि चारों आरोपियों में से किसी पर भी गैंगरेप का आरोप सिद्ध नहीं हुआ है।
पीड़िता का आरोप
दरअसल, ये केस पीड़िता के बयान के आधार पर दर्ज हुआ था। जिसमें पीड़िता ने चार युवकों पर आरोप लगाया था। पीड़िता ने आरोप के बाद संदीप, रामू, लवकुश और रवि को इस केस में नामजद किया था। जिसके बाद हाथरस पुलिस ने इन्हें गिरफ्तार किया। हालांकि इस घटना के बाद यूपी पुलिस पर कई सवाल खड़े किए हैं। इस केस में पुलिस पर आरोप है कि पीड़ित परिवार को बताए बिना ही युवती का अंतिम संस्कार किया गया। जबकि पुलिस ने पोस्टमार्टम के आधार पर दावा किया था कि पीड़िता के साथ गैंग रेप नहीं हुआ है। अब इस केस में गुरुवार को बूलगढ़ी की स्पेशल कोर्ट ने फैसला सुनाया है। अब इस फैसले के बाद फिर से बयानबाजी हो सकती है।
पीड़ित पक्ष फैसले से असंतुष्ट
कोर्ट ने आरोपी संदीप ठाकुर को 3/110 और 304 का दोषी माना है. जबकि तीन लोगों को बरी कर दिया गया है। हालांकि कोर्ट के इस फैसले के बाद से पीड़ित पक्ष संतुष्ट नहीं है और वो इस फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट का रुख कर सकता है। वहीं पीड़िता के वकील ने कहा है कि वह फैसले के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे।
पुलिस ने बढ़ाई सुरक्षा
कोर्ट का फैसला आने के बाद पुलिस ने कोर्ट परिसर के साथ ही पीड़ित परिवार की सुरक्षा कड़ी कर दी है। पीड़ित परिवार के गांव में एहतियातन सुरक्षा बलों की तैनाती की गई है। गुरुवार की सुबह मामले की सुनवाई के दौरान चारो आरोपियों को पुलिस ने भारी सुरक्षा के बीच अलीगढ़ जेल से हाथरस कोर्ट पहुंचाया।
यह है मामला
केस डायरी के मुताबिक पीड़ित युवती के साथ जब वारदात को अंजाम दिया गया था, उस समय उसकी उम्र 19 साल साल थी। आरोप पत्र के मुताबिक पीड़िता विरोध कर रही थी, इसलिए उसका मुंह बंद करने के लिए आरोपियों ने उसकी जीभ काट दी थी। गंभीर हालत में पीड़िता को अलीगढ़ के जेएन मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां से उसे दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल पहुंचाया गया। जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। यह वारदात 14 सितंबर 2020 का है. उसकी मौत उसी समय 29 सितंबर को हो गई थी।