- देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है गुरुवार का दिन
- बृहस्पति देेते हैं सुख-समृद्धि का वरदान
- इन कामों को करने से होती है सौभाग्य में वृद्धि
धर्म डेस्क: सनातन धर्म के ग्रंथों व पुराणों में हर दिन से जुड़े से अनेकों नियमों का वर्णन किया गया। इसमें रोज़ाना होनो वाली पूजा आदि से लेकर ये हर तरह के कर्म कांड व धार्मिक आयोजनों के बारे में बताया गया है। इसके अलावा इस दिन के अनुसार क्या कार्य करने चाहिए, क्या नहीं इस संदर्भ से जुड़ी जानकारी भी दी गई। आज गुरुवार के दन हम आपको इसी से संबंधित जानकारी देने वाले हैं कि प्रत्येक व्यक्ति को इस खास दिन किन चीज़ों का परहेज करना चाहिए। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार गुरुवार का दिन भगवान विष्णु तथा देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। जो ज्ञान, धन, कर्म, धर्म, वृद्धि एवं संतान आदि के कारक हैं। इसलिए इनकी पूजा विशेष हो जाती हैं। कहा जाता है अगर देवगुरु बृहस्पति की कृपा न हो तो जीवन में हर चीज़ का अभाव देखने को मिलता है। इसलिए इनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए प्रत्येक व्यक्ति को आगे बताई गई बातों का खास ख्याल रखना चाहिए।
क्या न करें-
ज्योतिष शास्त्री बताते हैं बृहस्पति देव महिलाओं की कुंडली में संतान तथा पति का कारक होते हैं। इसलिए महिलाओं को खासा ख्याल रखने की आवश्यकता होती है। खासतौ पर इस दिन यानि गुरुवार को किसी भी महिला को बाल नहीं धुलने चाहिए, न ही बाल कटवाने चाहिए। ऐसा करने से कुंडली में बृहस्पति कमज़ोर होते हैं, जिससे वैवाहिक जीवन में भी परेशानियां आती हैं तथा संतान पक्ष को भी समस्याएं आने लगती हैैं।
मान्यताओं के अनुसार इस दिन किसी भी व्यक्ति को न नाखून कटवाने चाहिए न ही दाड़ी बनानी या बाहर से बनवानी चाहिए। धार्मिक ग्रंथों व शास्त्रो में कहा गया है कि जो व्यक्ति ऐसा करता है उसकी कुंडली तथा जीवन में बृहस्पति देव अशुभ फल प्रदान करने लगते हैं। मुख्य रूप से ऐसे कार्य करने से व्यक्ति की आयु पर प्रभाव पड़ता है।
चूंकि इस दिन केले के पेड़ की पूजा की जाती है, इसलिए इस दिन किसी भी व्यक्ति को केले का सेवन नहीं करना चाहिए। इसके अलावा इस कपड़े धोना, धर से कबाड़ का सामान बाहर निकालना आदि जैसे कार्य करने से घर के बच्चों के स्वास्थ्य तथा शिक्षा कार्य के शुभ प्रभावों में कमी आने लगती है।
क्या करें-
इस दिन बृहस्पति की पूजा करें,तथा केले के वृक्ष की जड़ में जल अर्पित करते हुए मन में देवगुरु का स्मरण करें। इसके बाद शुद्ध घी का दीपक जलाएं तथा बृहस्पति देव के 108 नामों का उच्चार करें या “ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं स: गुरवे नम” मंत्र का जप करें। मान्यता है जिन लोगों को जीवनसाथी की तलाश होती है उनकी ये तलाश शीघ्र पूरी होती है, साथ ही साथ विवाहित लोगों के जीवन में आ रही समस्याएं दूर होती हैं।
इसके अलावा इस दिन पीले रंग के वस्त्र ज़रू पहनें। बृहस्पति देव के साथ-साथ भगवान विष्णु को भी यं रंग अति प्रिय है। शास्त्रों के अनुसार वे खुद पीले रंग का पीतांबर धारण करते हैं। इसके अलावा इस दिन पीले वस्तुओं का दान करना शुभ होता है, जैसे पीला चंदन, हल्दी आदि। इससे घर में सुख-समृद्धि बढ़ती है।