- JEE और NEET की परीक्षा के लिए प्रधानमंत्री को लिखा गया पत्र
- 150 से ज़्यादा पत्र प्रधामंत्री नरेंद्र मोदी को लिखे गए हैं
- रीक्षाओं पर गंभीरता से विचार ना करने से खराब होगा भविष्य
नेशनल डेस्क: पूरे देश में फैली कोरोना महामारी का देश की अर्थव्यवस्था पर जितना असर पड़ा है उतना ही देश के विद्यार्थियों पर भी पड़ा है। दरअसल भारत और अनेक देशों के विश्वविद्यालयों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखते हुए कहा की मेडिकल और इंजीनियरिंग की जेईई मुख्य और नीट की परीक्षाएं होने में और देर की गई तो विद्यार्थियों का भविष्य खराब हो सकता है। इनमें दिल्ली विश्वविद्यालय, आईआईटी दिल्ली, लंदन विश्वविद्यालय, जेएनयू, बीएचयू, लखनऊ विश्वविद्यालय, कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय, हिब्रू यूनिवर्सिटी और इजराइल जैसे विश्वविद्यालय भारतीय शिक्षाविद में शामिल है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 150 से अधिक पत्र मिले हैं,बढ़ते कोविड-19 मामलों के मद्देनजर सितंबर में इन परीक्षाओं के आयोजन के खिलाफ हो रहे विरोध का उल्लेख करते हुए शिक्षाविदों ने अपने पत्र में कहा, “ कुछ लोग राजनीतिक में आगे बढ़ाने के लिए छात्रों के भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। हमारे आज के युवा राष्ट्र का भविष्य है, लेकिन कोरोना के चलते उनके भविष्य पर काला बादल सा छा रहा है।” आगे पत्र में कहा गया कि, “ सरकार ने जीईई और नीट परीक्षाओं की तारीख की घोषणा की है परीक्षा आयोजित करने में किसी भी तरह की देरी से बच्चों का कीमती साल बर्बाद हो सकता है।”
आगे लिखा गया कि, “ छात्रों के भविष्य के साथ किसी भी तरह का समझौता करना सामान्य नहीं कहलाएगा उनका कीमती वक़्त ख़राब नहीं होना चाहिए।” साथ ही पत्र में यह भी लिखा था कि “हम मानते हैं कि सरकार पूरी सावधानी रखेगी और सुरक्षित तरीके से इस परीक्षा का आयोजन करेगी ताकि बच्चों के भविष्य पर ध्यान दिया जा सके”।