रेल मंत्री ने नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को लिखा पत्र
पीयूष गोयल ने पत्र में इन मुद्दों पर डाला प्रकाश
पत्र में डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर परियोजना को प्रभावित करने वाले मुद्दों को उठाया
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के काम में देरी कि वजह महामारी
नेशनल डेस्क: पीयूष गोयल (रेल मंत्री) ने नौ राज्यों के मुख्यमंत्रियों को पत्र लिखा है। पत्र में रेल मंत्री ने ‘डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर’ (DFC) की परियोजना में बाधाओं को दूर करने का आग्रह किया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस परियोजना की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
रेल मंत्री ने पत्र में इन मुद्दों पर प्रकाश डाला
बता दें, नौ मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्र में पीयूष गोयल ने उन मुद्दों को उठाया, जिनसे 81,000 करोड़ रुपये की डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) परियोजना का काम प्रभावित हुआ है। जैसे भूमि से संबंधित मुद्दों, पुलों पर लंबित सड़क (ROB), आंदोलन के कारण मुजफ्फरनगर, मेरठ, सहारनपुर जैसे क्षेत्रों में भूमि को कब्जे में लेने में बाधा, ग्रामीणों की मांगों और राज्य के अधिकारियों द्वारा धीमी गति से काम करने का मुद्दा लिखे गए पत्र में शामिल है। गोयल ने पत्रों में उन सभी मुद्दों को उठाया है जिनका राज्यों में विशिष्ट क्षेत्रों में रेलवे द्वारा सामना किया जा रहा हैं।
पीयूष गोयल ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से इस मामले में हस्तक्षेप करने का अनुरोध किया है। प्रधानमंत्री कार्यालय [Prime Minister’s Office (PMO)] द्वारा उठाई गई चिंताओं के बाद, रेल मंत्री ने उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात, पंजाब, राजस्थान, महाराष्ट्र, झारखंड, पश्चिम बंगाल, हरियाणा के मुख्यमंत्रियों को लिखे पत्रों में कहा कि कैसे डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर इतने लंबे समय से लंबित मुद्दा बना हुआ है, जिसे अभी तक हल नहीं किया गया है।
डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (DFC) के काम में देरी कि वजह
रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष वी.के. यादव के अनुसार, वर्तमान में दो डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर निर्माणाधीन (under construction) हैं। इनका काम दिसंबर 2021 तक पूरा होना था, लेकिन अब इस तिथि को छह महीने आगे बढ़ाकर जून 2022 तक कर दिया गया है। पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (WDFC) उत्तर प्रदेश से मुंबई तक और पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर (EDFC) पंजाब के लुधियाना से पश्चिम बंगाल के डानकुनी तक। इन गलियारों के काम में देरी का कारण कोरोना वायरस महामारी से आईं बाधा को बताया।
रेलवे 1 सितंबर को उत्तर प्रदेश, बिहार, गुजरात और महाराष्ट्र के राज्य सरकार के अधिकारियों के साथ एक समीक्षा बैठक भी करेगा। क्यूंकि हरियाणा, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, महाराष्ट्र और पंजाब जैसे राज्यों में राज्य सरकारों द्वारा (ROB) के लिए भूमि अधिग्रहण में देरी के कारण परियोजना में देरी हुई है।