कुंडली में बुध की दशा खराब होने से आती हैं ये समस्याएं
बुध हो कमज़ोर तो करने चाहिए ये खास काम
घर कि इस दिशा में दीपक जलाने से कुंडली में ठीक होगा बुध
धर्म डेस्क: कुंडली में ग्रह नक्षत्र अपनी चाल बदलते रहते हैं, जिससे कभी तो प्रभाव शुभ मिलते हैं तो कभी अशुभ प्राप्त होते हैं। अगर बात करें कुंडली में बुध की दिशा दशा की, तो कहा जाता है कि जब किसी की कुंडली में बुध नीच राशि यानि मीन में हो, छठे या आठवें भाव में स्थित हो, केतु या मंगल से पीड़ित हो, सूर्य के साथ समान अंश पर होने से पूर्णासत हो, षष्टेश हो या अष्टमेश हो या अन्य किसी भी प्रकार से कमजोर या पीड़ित हो तो ऐसे में व्यक्ति की बैद्धितक क्षमता धीरे-धीरे कम होने लगती है।
से में व्यक्ति की सोचने समझने की शक्ति कम हो जाती है। साथ ही साथ अगर व्यक्ति शिक्षा ग्रहण कर रहा हो तो उसमें भी वादा आने लगती है। व्यक्ति के व्यवहार में कुशलता नहीं बन पाती तथा स्वास्थ्य से भी जुड़ी समस्याएं धीरे-धीरे उसे घेरने लगती हैं। ऐसे में ज्योतिष विशेषज्ञ बताते हैं कि व्यक्ति को भूत की वजह से अगर जीवन में समस्याएं आएं तो उनसे जुड़े कुछ खास उपाय करने चाहिए।
जानते हैं कौन से हैं वह उपाय जिनसे जातक अपनी कुंडली में बुध की दशा को बेहतर कर सकता है-
जितना हो सके -ऊं ब्राम ब्रीम ब्रोम स: बुधाय नम: मंत्र का नियमित रूप से जाप करें।
चूंकि बुध ग्रह का संबंध भगवान गणेश से है इसलिए इस दिन गणपति बप्पा को मोतीचूर के लड्डू अर्पित करने चाहिए।
दिन में दो या तीन बार हरी इलायची का सेवन करें।
हर बुधवार को गाय को हरा चारा खिलाएं।
अपने आसपास नए पौधे लगाएं। तथा घर में लगे पौधों कि अच्छे से देखभाल करें। संभव हो तो बुधवार के अलावा रोज़ाना पक्षियों को दाना डालें।
घर के पूजा स्थल में बुध यंत्र स्थापित करें।
अपने सामर्थ्य के अनुसार प्रत्येक महीने के एक बुधवार को साबुत मूंग की खिचड़ी गरीबों में बांटें।
हर बुधवार को घर की उत्तर दिशा में गाय के शुद्ध घी का दीपक जलाएं।
उपरोक्त उपाय के साथ-साथ अगर आप किसी ज्योतिषी की सलाह लेकर पन्ना रत्न धारण करना चाहते हैं तो इसे हाथ गला किसी में भी धारण कर सकतें हैं। इसका शुभ प्रभाव आपके जीवन पर पड़ेगा। मगर ध्यान रहे बिना ज्योतिषी सलाह बिना ऐसा न करें।
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