नई दिल्ली : ब्रिटिश शासन के दौरान 13 अप्रैल 1919 को अमृतसर के जलियांवाला बाग में हुई गोलीबारी की शताब्दी के मौके पर ब्रिटिश लोगों को उनकी हुकूमत के द्वारा भारतीय लोगों पर किए गए अत्याचारों के बारे में जागरूक करने के लिए मुहिम चलाई जा रहीं हैं। इसके तहत सिखों के एक संगठन इन्टरनेशनल पंजाब फोरम के द्वारा देश- विदेश में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करने के लिए जलियांवाला बाग स्मरणोत्सव शताब्दी कमेटी (जेबीसीसीसी) का गठन किया गया हैं। फोरम के अध्यक्ष रजिंदर सिंह चड्डा के द्वारा फोरम के प्रधान महासचिव बलबीर सिंह कक्कड़ को कमेटी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया हैं। इसके साथ ही दिल्ली गुरुद्वारा कमेटी के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जी.के. को स्मरणोत्सव कमेटी का मुख्य संरक्षक तथा राजिंदर सिंह चड्डा व विक्रमजीत सिंह साहनी को संरक्षक नियुक्त किया गया हैं। सदस्यों में ब्रिटिश सांसद लार्ड लुम्बा,सीबीई लार्ड देसाई, किश्वर लेडी देसाई,विरेन्द्र शर्मा तथा पूर्व राजनयिक नवतेज सिंह सरना आदि शामिल हैं।
जलियांवाला बाग कत्लेआम के ब्रिटिश संसद से माफी मंगवाने के लिए पिछले 1 वर्ष से कोशिश कर रही कमेटी की पहल पर ही 19 फरवरी 2019 को हाउस ऑफ लार्डस में लार्ड लुम्बा ने सरकार ने भारतीयों से इस हत्याकांड के लिए माफी मांगने का संसद से तरीका पूछा था। इस पर हुई लम्बी चर्चा के दौरान पक्ष-विपक्ष में व्यापक बहस हुई। हालाँकि इससे पहले हाउस ऑफ कामॅन्स ने घटना की निंदा की थी पर हाउस ऑफ लार्डस ने खुशी जताई थी।
इस वजह से 13 अप्रैल को कमेटी की तरफ से ब्रिटिश सांसदों की मौजूदगी में ब्रिटिश संसद में एक कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा हैं। साथ ही घटना के संबंध में अमृतसर, लंदन,बर्मिंघम, मानचेस्टर,ग्लासगो आदि शहरों में प्रदर्शनी आयोजित की जा रहीं हैं।
मंजीत सिंह जी.के. ने कहा कि हमारी कोशिश ब्रिटेन की युवा पीढ़ी को यह अहसास करवाने का है, ताकि साम्राज्यवादी अहंकार से ग्रस्त ब्रिटिश निजाम ने मानवाधिकारों को जिस प्रकार से भारत में कुचला था, उसके लिए ब्रिटिश संसद के दोनों सदनों को माफी मांगनी चाहिए।