- विश्वभर में कोरोना का हाहाकार
- ट्रंप ने कोरोना वैक्सीन को लेकर दिया बड़ा बयान
- भारतीय केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री ने वैक्सीन को लेकर दी जानकारी
नेशनल डेस्क : दुनियाभर में कोरोना वायरस का कहर बढ़ता ही जा रहा है। जिसके रोकथाम के लिए सभी देश अपने-अपने स्तर पर टीके का परीक्षण करने में लगे हुए हैं। इसको लेकर ट्रंप ने कहा है कि अप्रैल 2021 तक हर अमेरिकी के लिए कोरोना वैक्सीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित होने की उम्मीद है।
ट्रंप ने टीके की उपलब्धता को लेकर ये कहा…
अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में कहा, ‘जैसे ही टीके को मान्यता मिलती है, सरकार इसे तुरंत अमेरिकियों को उपलब्ध करवा देगी… हर महीने करोड़ों डोज उपलब्ध होंगे और हमें उम्मीद है कि अप्रैल 2021 तक हरेक अमेरिकी के लिए पर्याप्त वैक्सीन उपलब्ध होगी।’
ट्रंप ने कहा, ‘टीकों को लेकर कई स्तर पर काम हो रहा है… महामारी को खत्म करने के लिए जल्द से जल्द वैक्सीन बनाया जाना चाहिए ताकि जनजीवन पटरी पर लौट सके। एक सफल टीका न केवल लाखों जिंदगियां बचाएगा बल्कि पाबंदियों को भी खत्म करेगा।’ उन्होंने कहा, ‘सभी वैक्सीन कैंडिडेट्स क्लिनिकल ट्रायल्स के गोल्ड स्टैंडर्ड से गुजर रहे हैं। जांच के दौरान सुरक्षा पर खासा जोर दिया जा रहा है।’
उन्होंने आगे कहा, ‘वैक्सीन बनाना हमारी शीर्ष प्राथमिकता है और हम बड़ी सफलता के साथ आगे बढ़ रहे हैं। जैसे ही किसी वैक्सीन को अप्रूवल मिलेगा, उसे 24 घंटे के अंदर बांटना शुरू कर दिया जाएगा।’
जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने ज़ारी किए आंकड़े
कोविड-19 को लेकर जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी ने ताज़ा आंकड़े जा़री किए है। जिसके मुताबिक, अमेरिका दुनिया का सबसे ज्यादा कोरोना प्रभावित देश है। वहां अब तक 67,05,114 मामले आ चुके हैं, जबकि 1,98,197 मरीजों की इस महामारी से मौत हो चुकी है।
भारत में 2021 की पहली तिमाही के अंत तक उपलब्ध हो सकती है वैक्सीन
भारत में केंद्रीय स्वास्थ्य राज्य मंत्री अश्विनी चौबे ने कोविड-19 के टीके को लेकर शुक्रवार को लोकसभा में बयान दिया। उन्होंने कहा कि अगर कोविड-19 के टीके के क्लीनिकल परीक्षण सफल होते हैं तो प्रभावी टीका 2021 की पहली तिमाही के अंत तक उपलब्ध हो सकता है।
मंत्री के मुताबिक, पहले चरण के क्लीनिकल परीक्षण में भारत बायोटेक द्वारा भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) और कैडिला हेल्थकेयर लिमिटेड द्वारा विकसित किए जा रहे टीके सुरक्षित रहे हैं और अब उनकी प्रतिरक्षा क्षमता का परीक्षण चल रहा है।