जेल में दिल्ली दंगे के आरोपी शाहरुख पठान पर हमला
ट्रॉयल कोर्ट से राहत नहीं मिलने पर पहुंचा HC
एडीजे कोर्ट में फ्रेम हो चुका है चार्ज
(नेशनल डेस्क) दिल्ली हाईकोर्ट ने गुरुवार को दिल्ली दंगों के आरोपी शाहरुख पठान को जेल अधिकारियों की ओर से मारपीट और धमकी देने का आरोप लगाने संबंधी याचिका की जल्द सुनवाई के लिए निचली अदालत जाने का निर्देश दिया है। शाहरुख पठान पर 2020 के पूर्वोत्तर दिल्ली दंगों के दौरान एक पुलिस हेड कांस्टेबल पर पिस्तौल तानने और इससे जुड़े अन्य आरोप हैं।
न्यायमूर्ति अमित शर्मा की एकल-न्यायाधीश की पीठ पठान द्वारा दायर इसी तरह की याचिका का निपटारा कर रही थी। इस कोर्ट ने उसने कहा कि चूंकि ट्रायल कोर्ट के समक्ष पहले ही एक याचिका दायर की जा चुकी है, यह केवल तभी उचित है जब संबंधित अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर किया जाए।
पठान का प्रतिनिधित्व करते हुए वकील खालिद अख्तर ने तर्क दिया कि ट्रायल कोर्ट ने मामले को 28 फरवरी को अगली सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया था। निचली अदालत ने कोई आदेश या निर्देश पारित नहीं किया है कि प्रासंगिक सीसीटीवी फुटेज को संरक्षित रखा जाए या पेश किया जाए। अख्तर ने कहा कि इस आशय का कोई आदेश नहीं था कि उन्हें कुछ पर्याप्त सुरक्षा उपाय प्रदान किए जाएं।
इस पर न्यायमूर्ति शर्मा ने मौखिक रूप से कहा कि शर्त यह है कि पठान संबंधित अदालत के समक्ष एक आवेदन दायर करे और अगर यह काम नहीं करता है तो कोर्ट उसे स्वतंत्रता देगा। उन्होंने कहा कि आप ट्रायल कोर्ट के समक्ष जल्द सुनवाई के लिए एक आवेदन दें। अगर कुछ नहीं होता है तो हम देखेंगे. हम आपको लिबर्टी देंगे।
आरोपी शाहरुख पठान के खिलाफ दिल्ली के एडिशनल सेशन जज अमिताभ रावत की अदालत में दिसंबर 2021 में ही चार्ज फ्रेम कर दिए गए थे।इसमें आरोपी के खिलाफ दंगा भड़काने की धारा 147, हथियार के साथ दंगा करने की धारा 148, विधि विरुद्ध जमावड़ा की धारा 149, सरकारी कर्मचारियों के काम में बाधा पहुंचाने की धारा 186 के अलावा राजाज्ञा के उल्लंघन की धारा 188 और धर्म के आधार पर समुदाय विशेष को भड़काने की धारा 153A के आरोप शामिल है।
आरोपी के खिलाफ ट्रॉयल कोर्ट में आए मुकदमे में आम लोगों के लिए खतरा पैदा करने की धारा 283 के अलावा सरकारी कर्मचारी पर हमला करने की धारा 353 और 332 तथा मारपीट तथा हत्या के प्रयास की धारा भी जोड़ी गई है।