केरल पहुंची कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा
राहुल गांधी का किया जोरदार स्वागत
450km की यात्रा करेंगे राहुल गांधी
नेशनल डेस्क: तमिलनाडु से होते हुए कांग्रेस की भारत जोड़ो यात्रा केरल पहुंच चुकी है। रविवार को केरल के परसाला इलाके में इस यात्रा का जोरदार स्वागत किया गया। केरल में यात्रा 19 दिन चलेगी। राहुल गांधी के स्वागत के लिए समर्थकों और दर्शकों की भारी भीड़ उमड़ी।
राहुल गांधी का किया जोरदार स्वागत
केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष और सांसद के सुधाकरन, राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) वी डी सतीसन और एआईसीसी महासचिव तारिक अनवर व अन्य नेताओं ने राहुल गांधी का जोरदार स्वागत किया। इस दौरान राहुल के साथ कई बड़े कांग्रेस नेता मौजूद रहे। इनमें केसी वेणुगोपाल और शशि थरूर के अलावा केरल के पूर्व मुख्यमंत्री ओमन चांडी और पूर्व एलओपी रमेश चेन्नीथला भी शामिल थे।
Our Bharat Jodo Yatra in Kerala. The diversify of India is so apparent. Yesterday we entered Malayalam speaking Kerala from Tamil speaking Tamil Nadu. From “Vannakam” to “Namaskaram”.#BharatJodoYatra#TodoNahinJodo
@INCIndia
@Jairam_Ramesh
@RahulGandhi pic.twitter.com/Q3DngJMQFH— digvijaya singh (@digvijaya_28) September 10, 2022
कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि हमारी भारत जोड़ो यात्रा केरल में है। हमने तमिल भाषी तमिलनाडु से मलयालम भाषी केरल में प्रवेश किया। वन्नाकम से नमस्कारम तक।
“Gain freedom through education,
gain strength through organization,
gain prosperity through industry.”Today, as we enter the beautiful state of Kerala, on the auspicious occasion of Sree Narayana Guru Jayanti, his words inspire every step we take on the #BharatJodoYatra🇮🇳
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 10, 2022
केरल में प्रवेश करते ही राहुल गांधी ने ट्वीट किया कि हम केरल के सुंदर राज्य में प्रवेश कर रहे हैं। श्री नारायण गुरु जयंती के शुभ अवसर पर उनके शब्द भारत जोड़ो यात्रा पर हमारे द्वारा उठाए गए हर कदम को प्रेरित करते हैं।
450km की यात्रा करेंगे राहुल गांधी
जानकारी के मुताबिक, केरल में प्रवेश करने के बाद राहुल गांधी 19 दिनों की अवधि में 450 किमी की यात्रा करके मलप्पुरम के नीलांबुर तक जाएंगे। यह यात्रा 14 सितंबर को कोल्लम जिले में प्रवेश करेगी। इसके बाद 17 सितंबर को अलाप्पुझा पहुंचेगी और 21-22 सितंबर को एर्नाकुलम जिले से होते हुए 23 सितंबर को त्रिशूर पहुंचेगी। इसके बाद यात्रा के अन्य पड़ाव होंगे।