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बलिया: फैमिली कोर्ट में पेश हुए भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह, पत्नी ने मांगा 2 लाख

  • बलिया की फैमिली कोर्ट में पेश हुए भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह

  • कोर्ट परिसर में पवन सिंह के बाउंसरों में मची अफरा तफरी 

  • 20 दिसंबर 2022 को मामले की होगी अगली सुनवाई

Up Desk: उत्तर प्रदेश के बलिया की फैमिली कोर्ट में शुक्रवार की दोपहर करीब 2 बजकर 30 मिनट पर भोजपुरी अभिनेता पवन सिंह (Pawan Singh) पेश हुए। उनके खिलाफ परिवार न्यायालय द्वारा नोटिस जारी किया गया था। कोर्ट ने यह नोटिस पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह द्वारा अपने भरण-पोषण के लिए दायर मुकदमा के तहत दिया था। कोर्ट ने पवन सिंह को 05 नवंबर को तलब करते हुए अपना पक्ष रखने का आदेश दिया था। भोजपुरी स्टार पवन सिंह की निजी जिंदगी की मुश्किलें लगातार बढ़ती दिख रही हैं। पत्नी ज्योति सिंह ने उनके खिलाफ भरण-पोषण का मुकदमा दायर कर दिया है। इस मामले में बलिया की फैमिली कोर्ट की जज रागिनी सिंह ने पवन सिंह को 5 नवंबर को अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था।

22 अप्रैल को दी गई थी अर्जी 

पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने 22 अप्रैल को बलिया जिले की फैमिली कोर्ट में अर्जी दी थी। अर्जी में पवन सिंह के खिलाफ दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 125 के तहत भरण-पोषण के लिए एक मुकदमा दायर किया गया था। ज्योति के वकील ने बताया कि फैमिली कोर्ट की जज रागिनी सिंह ने पवन को 5 नवंबर को अदालत में पेश होकर अपना पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया था। इससे पहले जज रागिनी सिंह ने पवन सिंह को बीते 2 जून को पेश होने के लिए कहा था, लेकिन किसी कारण से वो कोर्ट में नहीं पहुंच पाए थे। वकील ने बताया कि ज्योति सिंह के द्वार 2 लाख रुपये प्रति माह भरण पोषण की मांग की गई है। जिस पर 20 दिसबंर 2022 को सुनवाई होनी है।

परिवार न्यायालय में पहुंचा पवन सिंह का विवाह बंधन 

06 मार्च 2018 को पवन ने शहर के मिड्ढ़ी निवासी रामबाबू सिंह की पुत्री ज्योति सिंह (Jyoti Singh) से शादी की थी। शादी समारोह जिला मुख्यालय से 15 किमी दूर चितबड़ागांव स्थित शंकर होटल में आयोजित हुआ था। भोजपुरी फिल्म स्टार पवन सिंह के चार साल पुराने विवाह बंधन में तब दरार आई, जब पवन सिंह ने बिहार के आरा पारिवारिक न्यायालय में तलाक की अर्जी दाखिल कर दी।

इससे आहत ज्योति सिंह ने 22 अप्रैल 2022 को परिवार न्यायालय बलिया में भरण-पोषण की अर्जी दाखिल कर दिया। ज्योति सिंह के अधिवक्ता के अनुसार 22 अप्रैल को अर्जी दाखिल होने के बाद कोर्ट ने 02 जून को पवन सिंह को प्रस्तुत होने के लिये नोटिस जारी किया। हालांकि वह निर्धारित तिथि पर नहीं पहुंच सके। फिर 07 जुलाई तथा 01 अगस्त को नोटिस जारी हुआ, फिर भी पवन सिंह कोर्ट में उपस्थित नहीं हुए। अब 05 नवम्बर की तिथि निर्धारित की गयी है।

पवन सिंह के बाउंसरों की मनमानी

पेशी के दौरान पवन सिंह के बाउंसरों ने न्यायालय में जमकर मनमानी की। जैसे ही पवन सिंह कोर्ट की इमारत में दाखिल हुए, बाउंसरों ने मुख्य दरवाजा ही बंद कर दिया। जिसके बाद ज्योति सिंह को काफी समय तक बाहर ही इंतजार करना पड़ा। इस दौरान ज्योति के समर्थक व महिला समाजसेवियों द्वारा इसका कड़ा विरोध शुरू कर दिया गया। धक्का मुक्की के साथ जबरन दरवाजे को खोलने का प्रयास तक किया जाने लगा। तब जाकर भीतर से दरवाजा खोला गया। वहीं पवन सिंह के वकील सतीश चंद्र श्रीवास्तव इस बात से इंकार कर दिया कि बाउंसरों ने गेट बंद कर दिया है। उल्टा उनका आरोप था कि बांउसरों के साथ मारपीट कर जबरन कोर्ट रूम से बाहर निकाला गया।

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