एलआईसी को लगा तगड़ा झटका
अडानी के शेयर मूल्य में 22 फीसदी की गिरावट
एलआईसी का शेयर भी गिरा
National Desk: अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद भारतीय शेयर बाजार में खलबली मची हुई है। अडानी समूह की कंपनियों को लगे तेज झटकों का असर एलआईसी को लगा है। अडानी कंपनियों की एलआईसी की होल्डिंग का मूल्य 24 जनवरी को 72,193 करोड़ रुपये था जो घटकर 27 जनवरी को 55,565 करोड़ रुपये हो गया। यानी केवल दो दिनों में 22 प्रतिशत की गिरावट हो गई।
अडानी समूह के शेयरों में 27 जनवरी को एक ही दिन में कुल बाजार पूंजीकरण में 3.37 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। जीवन बीमा निगम (एलआईसी), बाजार पूंजीकरण द्वारा अडानी समूह की पांच सबसे बड़ी कंपनियों में सबसे बड़ा नॉन-प्रमोटर घरेलू शेयरधारक है। अडानी समूह की कंपनियों में अपनी होल्डिंग के मूल्य में गिरावट के कारण एलआईसी को 16,627 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। दरअसल, अडानी समूह की कंपनियों की एलआईसी की होल्डिंग का मूल्य दो दिन में 72,193 करोड़ रुपये से घटकर 55,565 करोड़ रुपये हो चुका है।
जो नहीं जानते उन्हें बता दें कि बाजार पंजीकरण या मार्केट कैपटेलाईजेशन का मतलब है किसी कम्पनी के शेयरों का कुल बाजार मूल्य। इसी तरह होल्डिंग का मतलब है कि किसी व्यक्ति या संस्था के पास कितने शेयर हैं।
बाजार की हलचल से एलआईसी के शेयर की कीमत भी दबाव में आ गई है। 27 जनवरी को ट्रेडिंग के दौरान एलआईसी के शेयर की कीमत 3.5 प्रतिशत गिर गई। पिछले दो दिनों में इसमें कुल 5.3 प्रतिशत की गिरावट आई है। बता दें कि एलआईसी सरकार के स्वामित्व वाली कंपनी है।
अडानी में हिस्सेदारी
अडानी टोटल गैस के शेयर में एलआईसी की 5.96 प्रतिशत हिस्सेदारी है। ये शेयर शुक्रवार को 20 प्रतिशत गिर गया। अडानी एंटरप्राइजेज (एलआईसी की हिस्सेदारी 4.23 फीसदी) के शेयर 18.5 प्रतिशत गिर गए और अडानी ट्रांसमिशन (एलआईसी की हिस्सेदारी 3.65 फीसदी) का शेयर 19.99 प्रतिशत गिर गया है।अडानी पोर्ट्स (एलआईसी की हिस्सेदारी 9.1 फीसदी) 5 फीसदी गिर गया और अडानी ग्रीन एनर्जी (एलआईसी की 1.28 फीसदी हिस्सेदारी) भी 20 फीसदी गिर गया है। अडानी समूह ने जहां 27 जनवरी को बाजार पूंजीकरण में 3.37 लाख करोड़ रुपये गंवाए, वहीं पिछले दो कारोबारी सत्रों में बाजार पूंजीकरण में उसे 4.17 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
भारतीय जीवन बीमा निगम ने पिछली नौ तिमाहियों में अडानी ग्रुप की सात लिस्टेड कंपनियों में से चार में अपनी शेयरधारिता में तेजी से वृद्धि की है। उनमें से कम से कम एक कंपनी में लगभग छह गुना वृद्धि हुई है। चूंकि भारतीय जीवन बीमा निगम के पास बड़ी होल्डिंग है सो शेयर में गिरावट का नतीजा भी उसे उतना ही झेलना पड़ रहा है।