3 एम मॉडल पर ईवीएम का इस्तेमाल
375 उम्मीदवार पर भी ईवीएम का प्रयोग
बिहार में पहली बार इस तरह की व्यवस्था
नेशनल डेस्क: बिहार में चुनाव की तैयारी जोरों पर है विधानसभा चुनाव के मद्देनजर चुनाव आयोग ने कमर कस ली है। इस बार चुनाव की व्यवस्था कोरोना वायरस की वजह से थोड़ी अलग होगी। सारे इंतजाम सोशल डिस्टेंसिंग को ध्यान में रखकर किए जाएंगे। बता दें, यदि 375 से अधिक उम्मीदवार विधानसभा क्षेत्र में भी चुनाव लड़ते हैं, तो भी चुनाव ईवीएम से ही होंगे। पहले ऐसी कोई व्यवस्था नहीं थी। बिहार विधानसभा चुनाव में इस बार कई चीजें नई हो रही है जैसे कि बूथों पर महिला कर्मचारी की तैनाती, और अब बिहार चुनाव में पहली बार मतदान करने के लिए एम 3 मॉडल ईवीएम का इस्तेमाल किया जाएगा।
एम 3 मॉडल ईवीएम क्या है
एम 3 मॉडल ईवीएम हाईटेक EVM है। साधारण शब्दों में कहें तो एम-3 ईवीएम यानी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन की थर्ड जनरेशन है। इसके चिप को सिर्फ एक बार प्रोग्राम किया जा सकता है। चिप के सॉफ्टवेयर कोड को पढ़ा नहीं जा सकता। इसे दोबारा लिखा भी नहीं जा सकता। इस ईवीएम को इंटरनेट या किसी भी नेटवर्क से कंट्रोल नहीं किया जा सकता है। अगर इस EVM मशीन के साथ कोई छेड़छाड़ करने की कोशिश करें या इस मशीन के स्क्रू को खोलने की कोशिश करें तो यह मशीन अपने आप बंद हो जाती है। और साथी छेड़छाड़ करने वाले की फोटो भी कैप्चर कर लेती है। खास बात यह है इस M3 मॉडल ईवीएम में कंट्रोल यूनिट से 24 बैलट यूनिट कनेक्ट हो सकती है।और इस ईवीएम में केवल चार बैलट यूनिट तक ही कनेक्ट किया जा सकता है। 24 बैलट यूनिट में से 384 प्रत्याशियों के लिए वोटिंग की जा सकती है। बता दें, इससे पहले M2 मॉडल की ईवीएम से चुनाव होते थे थे।