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BJP की सबसे अहम सीट का बिगड़ा गणित, विधायक को हटाने की मांग

  • भाजपा कार्यकर्ताओं का अपनी ही पार्टी के खिलाफ खोला मोर्चा
  • वर्तमान विधायक अरूण कुमार सिन्हा के खिलाफ खोला मोर्चा
  • भ्रष्टाचार और जनसमस्याओं को अनसुना करने को लेकर रोष
  • भाजपा की सबसे अहम सीट पर मचा बवाल

बिहार डेस्क: बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों को एलान होना बाकी है, लेकिन पार्टीयों में या अंद्रूनी कलह शुरू हो गया है। यहां तक की सत्ताधारी भाजपा में भी कलह शुरू हो गया है। हाल ही में भाजपा का बड़ा मामला सामने आया है। बिहार में भाजपा की सबसे सुरक्षित सीट कहे जाने वाले कुम्हरार विधानसभा से जुड़ा है। जहां के कार्यकर्ताओं और नेताओं ने अपने ही पार्टी के वर्तमान विधायक के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।   दें

क्या है मामला?
पार्टी नेताओं ने वर्तमान विधायक पर भ्रष्टाचार से लेकर जनसमस्याओं की अनदेखी का आरोप लगाया है। विधायक अरूण कुमार सिन्हा पीएम मोदी के जन्मदिन पर हवन कर उनके लंबी उम्र की कामना कर रहे थे, वहीं दूसरी ओर विरोधियों ने केक काटकर पीएम का जन्मदिन मनाया। इसके बाद लिट्टी चोखा का आयोजन किया, जहां पर विधायक के खिलाफ भाजपा पार्टी के सदस्यों ने खुलकर विरोध का किया।

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वर्तमान विधायक अरूण कुमार को हटाने की मांग !

पार्टी के पूर्व मीडिया प्रभारी दीपक अग्रवाल ने कहा कि यदि बीजेपी ने इस बार कुम्हरार से अपना प्रत्याशी नहीं बदला तो वो और उनके जैसे सैंकड़ों की तादाद में भाजपा कार्यकर्ता चुनाव प्रचार के कार्य से प्रथक हो जाएंगे। गौरतलब है कि पहले भी भाजपा कार्यकर्ताओं के एक गुट ने बैनरों तले अरूण कुमार को हटाने की मांग की थी।

जानिए क्यो है यह सीट अहम

बता  दें कि कुम्हरार भाजपा की उन शहरी सीटों में से एक है जहां 1990 से लगातार भाजपा ही जीतती आ रही है। वर्तमान विधायक अरूण कुमार सिन्हा लगातार 4 बार इस सीट से जीत चुके हैं और इनसे पहले इस विधानसभा से बिहार के डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी जीत कर विस गए हैं। बता दें कि पटना की यह उन सीटों में से है जहां विपक्ष पार्टियांे को मैदान में उतारने के लिए खासी दिमागी कसरत करना पड़ती है। लेकिन अब खुद भाजपा के ही कार्यकर्ता अपने ही विधायक का विरोध करने उतरे हैं तो देखना होगा कि यह भाजपा के लिए कितना मुश्किल होगा।

क्या कहना विधायक जी का !

विधायक अरूण कुमार सिन्हा पर इस तरह आरोप लगने पर उन्होंने इसे शायराना जवाब में टालने का प्रयास किया। उनके मुताबिक ‘कुछ तो लोग कहेंगे, लोगों का काम है कहना।’ हालांकि अब देखना होगा पार्टी अपने कार्यकर्ताओं के इस गुस्से से कैसे बाहर निकलती है।

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