नई दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली की सरकार से बुधवार को कहा कि जेबीटी शिक्षक भर्ती घोटाले में दस साल की सजा काट रहे हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री ओमप्रकाश चौटाला के समयपूर्व रिहाई के अनुरोध पर चार हफ्तों में फैसला किया जाए। न्यायमूॢत सिद्धार्थ मृदुल और न्यायमूॢत प्रतीक जालान की पीठ ने चौटाला की याचिका पर यह निर्देश दिया। चौटाला ने याचिका में अनुरोध किया कि केन्द्र की कैदियों को विशेष छूट की नीति के अनुरूप उन्हें जेल से रिहा किया जाना चाहिए। चौटाला ने अपनी याचिका में दावा किया कि बीते वर्ष दिसंबर में उन्होंने समयपूर्व रिहाई के लिए अनुरोध पत्र दिया था जिस पर दिल्ली सरकार ने अब तक कोई फैसला नहीं किया है। इसके बाद, पीठ ने चौटाला के अनुरोध पर आप सरकार को चार हफ्तों में ‘शीघ्र फैसलाÓ करने का निर्देश दिया। पीठ ने कहा कि कानून के अनुरूप आदेश पारित किया जाए। दिल्ली सरकार के वकील राहुल मेहरा ने अदालत को आश्वासन दिया कि चौटाला के ज्ञापन पर फैसला किया जाएगा। मेहरा ने सुनवाई के दौरान समयपूर्व रिहाई के चौटाला के अनुरोध का विरोध किया और कहा कि वह भ्रष्टाचार के दोषी पाए गए हैं जो गंभीर अपराध है। उन्होंने कहा कि बीते वर्ष जुलाई में केन्द्र द्वारा जारी अधिसूचना केवल परामर्श था और वह बाध्य नहीं है। मेहरा ने कहा कि चौटाला को कई बार पैरोल और फरलो मंजूर की गई है और वह अभी भी आठ फरवरी से एक मार्च तक पैरोल पर बाहर हैं। चौटाला (83) ने अपनी याचिका में कहा कि उनकी उम्र और कमजोर शरीर को देखते हुए उन्हें समयपूर्व रिहा किया जाना चाहिए और वह सात साल की सजा भी काट चुके हैं।
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