शिमला। हिमाचल प्रदेश विधानसभा चुनाव में पराजय स्वीकार करते हुए मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने गुरूवार को राज्यपाल राजेंद्र विश्वनाथ आर्लेकर को अपना इस्तीफा सौंप दिया। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यपाल ने उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। हिमाचल प्रदेश की 68 सदस्यीय विधानसभा में कांग्रेस बहुमत के आंकड़े को पार कर चुकी है। भाजपा नेता और मुख्यमंत्री ठाकुर ने राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने से कुछ देर पहले संवाददाताओं से कहा कि मैं जनादेश का सम्मान करता हूं और थोड़ी देर में राज्यपाल को इस्तीफा सौंपने जा रहा हूं। हिमाचल प्रदेश में 1985 से कोई पार्टी लगातार दूसरी बार सत्ता में नहीं आई है और इस बार भी यह परंपरा कायम रही है।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि अब नई सरकार बनेगी, मैं उन्हें (कांग्रेस को) बधाई देता हूं और उम्मीद करता हूं कि वे अपने वादे पूरे करेंगे। उन्होंने कहा कि हम दलीय राजनीति से ऊपर उठकर सकारात्मक सहयोग देंगे,लेकिन जब हमें लगेगा कि राज्य के हितों की रक्षा नहीं हो रही तो हम जनता के सामने मुद्दे उठाएंगे। ठाकुर ने कहा कि जनता ने पांच साल तक हमें सेवा का मौका दिया। हमने बेहतर काम करने का प्रयास किया। एक प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि कई सीट पर जीत का अंतर बहुत कम है और 11 से 12 सीट पर 1,000 से भी कम वोट से उम्मीदवारों की जीत हुई है।
क्या पुरानी पेंशन योजना ने भाजपा की संभावनाओं को कमजोर किया, इस प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना सही नहीं होगा और हम विभिन्न स्रोतों से सुझाव लेंगे। उन्होंने कहा कि कई सीट पर भाजपा के बागी उम्मीदवारों का चुनाव लड़ना भी हार की एक वजह हो सकती है। कांग्रेस द्वारा अपने विधायकों को ‘खरीद-फरोख्त’ के डर से चंडीगढ़ ले जाये जाने के सवाल पर ठाकुर ने कहा कि वे चुने हुए विधायक हैं। लेकिन पार्टी में नेता की होड़ है कि मुख्यमंत्री कौन बनेगा और इसलिए वे डरे हुए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि जनादेश का सम्मान करते हुए, मैं हिमाचल प्रदेश के विकास में मिले सहयोग और समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त करना चाहता हूं।
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