विज्ञान भारती का 5वां राष्ट्रीय अधिवेशन
एकेटीयू में दो दिवसीय विज्ञान भारती कार्यक्रम का आयोजन
सीएम योगी आदित्यनाथ ने पुस्तक का किया लोकार्पण
लखनऊ: राजधानी लखनऊ में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने एकेटीयू में शुरू हुए दो दिवसीय विज्ञान भारती के पांचवे राष्ट्रीय अधिवेशन का शुभारंभ किया। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के द्वारा आयोजित विज्ञान भारती के पांचवे राष्ट्रीय अधिवेशन में वरिष्ठ पदाधिकारियों ने भाग लिया। अधिवेशन में सीएम योगी ने संबोधित करते हुए वैज्ञानिकों से आह्वान किया है कि वह जिस क्षेत्र में हैं, वहां से ज्यादा से ज्यादा सोध पत्र लिखें। नए शोध कार्यों और अनुभवों को सामने लाएं। नए शोधार्थियों को उनके बारे में बताएं।
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साथ ही सीएम योगी ने कहा कि कौन मुहूर्त कब होगा, यह हमें भारतीय पद्धति से ही स्पष्ट पता चलता है। सूर्य ग्रहण, चंद्र ग्रहण, पूर्णिमा और अमावस्या कब होगी? इसकी सही जानकारी भारतीय पंचांग से ही मिलती है। मनुष्य, में ही संवेदना नहीं होती बल्कि हर एक जंतु में संवेदना होती है। यह दृष्टि दुनिया को हमारे वैज्ञानिकों ने दी। हमारे दर्शन में हजारों साल पहले गीता ज्ञान में बता दिया गया कि आत्मा अमर है। आज किसी भी कार्य को वैज्ञानिक दृष्टि से देखने की आदत खत्म हो रही है, इसे सुधारना होगा। हमारी प्रतिदिन की घटनाएं हमें वैज्ञानिक सोच के प्रति जागरूक करती हैं। इसलिए हमें एक ढर्रे पर चलने की बजाए कुछ नया करना होगा। उन्होंने कह कि नई शिक्षा नीति इस क्षेत्र में आने वाले समय में सहायक होगी।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने स्वतंत्रता आंदोलन एवं विज्ञान विषयक पुस्तक के हिंदी व मराठी संस्करण का लोकार्पण भी किया है। कार्यक्रम में विज्ञान भारती के निवर्तमान अध्यक्ष पद्मभूषण डॉ. विजय भटकर, अखिल भारतीय अध्यक्ष डॉ. शेखर मांडे, एकेटीयू के कुलपति प्रोफेसर आदित्य मिश्रा, आरएसएस के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर व देश भर से आए विज्ञान भारती के पदाधिकारी मौजूद थे।
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