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कांग्रेस ने अर्थव्यवस्था और कोरोना को लेकर केंद्र सरकार पर साधा निशाना 

  • विपक्ष ने सत्तारूढ़ पार्टी पर छोड़े आरोपों के तीर
  • पीएम मोदी की लोकप्रियता पर उठाए सवाल
  • बीजेपी का कहना —आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहा भारत

नेशनल डेस्क : अर्थव्यवस्था में लगातार आ रही गिरावट, भारत-चीन विवाद और कोरोना के मुद्दे पर विपक्षी पार्टियाँ लगातार सरकार को घेर रही है। इसी बीच शुक्रवार को लोकसभा में कांग्रेस, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने सरकार को कठघरे में खड़ा कर दिया। 

विपक्षी दलों का आरोप है कि घरेलू उपभोग, निजी क्षेत्र के निवेश, सरकारी निवेश और निर्यात आधारित अर्थव्यवस्था के चार प्रमुख मानकों पर स्थिति काफी खराब है।

विपक्ष ने वित्त मंत्री से मांगा स्पष्टीकरण 

लगातार गिर रही अर्थव्यवस्था, कोरोना वायरस के मामले में इतनी बढ़ोतरी कि भारत देश दुनिया में दूसरे नंबर पर पहुंच गया है। इन विषयों पर चिंता जताते हुए विपक्षी दलों ने वित्त मंत्री से इस बारे में स्पष्टीकरण मांगा है कि देश ऐसे हालात से कैसे निकलेगा? उन्होंने यह दावा भी किया है कि इस सरकार में अविश्वास का माहौल पैदा हो गया है।

कांग्रेस नेता ने केंद्र को बताया ‘नो डेटा सरकार’

लोकसभा में सरकार पर निशाना साधते हुए कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि जिस मनरेगा को भाजपा के लोग ‘मरेगा’ कहते थे, आज वही रोजगार का बड़ा सहारा बन गया है। उन्होंने भाजपा सांसदों को इंगित करते हुए कहा कि ‘आप लोग प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के सहारे यहां तक आ गए, लेकिन अब उनकी लोकप्रियता पहले जैसे नहीं रही। अब उनके पेज पर लाइक से ज्यादा डिस्लाइक मिलना शुरू हो गए हैं और यह अब ‘नो-डेटा सरकार’ बन चुकी है।’

कांग्रेस ने बीजेपी पर किया आरोपों का प्रहार

चौधरी ने कहा, ‘‘बिना तैयारी के आपने लॉकडाउन कर दिया। नतीजा यह हुआ कि लाखों लोग सड़कों पर चलने लगे। लोगों की सड़कों पर मौत हुई। इस बारे में कोई ब्यौरा सरकार ने क्यों नहीं दिया।’’ इसके अलावा उन्होंने कहा —‘‘आपके पास नौकरियों का कोई डेटा नहीं है। आपके पास किसी चीज का डेटा नहीं होता। यह ‘नो डेटा’ सरकार बन गई है। आप 2024 तक पांच ट्रिलियन अर्थव्यवस्था तक कैसे पहुंचेंगे?’’

बीजेपी ने दिया जवाब

सत्तारूढ़ पार्टी का कहना कि हम सिर्फ आपदा से बच नहीं रहे, बल्कि देश को बदल भी रहे हैं। आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि दुनिया के ज्यादातर देशों में मुद्रा का अवमूल्यन हुआ, लेकिन भारतीय रुपया स्थिर रहा है और दुनिया भर में हमारी अर्थव्यवस्था में भरोसा जताया गया है। भाजपा सांसद जयंत सिन्हा ने आगे कहा कि अनुदान की अनुपूरक मांगों का यह दस्तावेज ‘आत्मनिर्भरता के लिए एक घोषणापत्र’ है।

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