- पश्चिम बंगाल के 22वें राज्यपाल बने सी. वी.आनंद बोस
- कलकत्ता हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने दिलाई पद की शपथ
- बोस आईएएस के 1977 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं
कोलकाता। सी. वी. आनंद बोस ने बुधवार को पश्चिम बंगाल के राज्यपाल के रूप में शपथ ग्रहण की। कलकत्ता उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति प्रकाश श्रीवास्तव ने राजभवन में आयोजित एक कार्यक्रम में उन्हें पद की शपथ दिलाई। इस दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी,राज्य विधानसभा के अध्यक्ष बिमान बनर्जी और कई मंत्री मौजूद रहे।
हालांकि राज्य विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी इस कार्यक्रम में शामिल नहीं हुए।
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बोस भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के 1977 बैच के केरल कैडर के सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। उन्हें 17 नवंबर को पश्चिम बंगाल के नए राज्यपाल के तौर पर नामित किया गया था। उन्होंने इस पद पर ला गणेशन की जगह ली है। बोस ने कोलकाता में राष्ट्रीय संग्रहालय के प्रशासक के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। वह 2011 में सेवानिवृत्त हुए थे।
शपथ ग्रहण करने के बाद वह राज्य के 22वें राज्यपाल हैं। इस मौके पर नए राज्यपाल की पत्नी,पुत्र और उनके परिवार के अन्य सदस्य भी मौजूद रहे। शपथ ग्रहण कार्यक्रम के बाद मुख्यमंत्री बनर्जी ने बोस को मिठाइयां (रसगुल्ले) भेंट की। नेता प्रतिपक्ष अधिकारी ने विधानसभा में संवाददाताओं से कहा कि तृणमूल कांग्रेस सरकार ने पिछले साल विधानसभा चुनावों के बाद भारतीय जनता पार्टी से सत्ताधारी दल में शामिल हो गए दो विधायकों के साथ उन्हें सीट आवंटित कर उन्हें अपमानित किया।
उन्होंने कहा कि तृणमूल सरकार प्रतिशोधपूर्ण तरीके से काम कर रही है। यह अभी तक इस बात को नहीं स्वीकार कर पा रही है कि नंदीग्राम सीट पर तृणमूल सुप्रीमो मुझसे हार गईं। सरकार ने गरिमा का पालन नहीं किया और विपक्ष के नेता के पद का अपमान किया। इसलिए मैं कार्यक्रम में शामिल नहीं हुआ
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