- आज है अश्विन मास की त्रयोदशी तिथि
- एक साथ पड़ रहे हैं ये दोनों पावन पर्व
- ऐसे करें भगवान शंकर की पूजा
धर्म डेस्क: आज 15 सितंबर दिन मंगलवार अश्विन मास के कृष्ण पक्ष को रात 11:00 पी एम के बाद त्रयोदशी तिथि योग शिव तथा नक्षत्र अश्लेशा का योग बन रहा है। इसके अलावा आज भौम प्रदोष व्रत तथा मासिक शिवरात्रि का पर्व मनाया जाएगा। बता दें इस दिन भगवान शंकर का पूजन श्रेष्ठ रहता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस दिन भगवान शिव प्रसन्नचित होकर कैलाश पर्वत पर नृत्य करते हैं। तो वहीं सभी देवता इनके इस रूप को निहारते हुए इनकी आराधना करते हैं।
ज्योतिष शास्त्र की मानें तो कहा जा रहा है कि इस बार प्रदोष व्रत और मासिक शिवरात्रि साथ पड़ रहे हैं, जिस कारण इसका महत्व अधिक बढ़ गया है। इसके अलावा आज अश्लेशा नक्षत्र बन रहा है। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार इस नक्षत्र में जन्में व्यक्तियों का प्राकृतिक गुण सांसारिक उन्नति में प्रयत्नशीलता, लज्जा व सौदर्यौपसना होता है।
इनकी आंखों एवं वचनों में विशेष आकर्षण होता है। स्वभाव से अधिक चतुर बुद्धि के होते हैं, हालांकि इनका वैवाहिक जीवन भी मधुर नहीं कहा जा सकता है। बता दें इस नक्षत्र का स्वामी चन्द्र एवं नक्षत्र स्वामी बुध है। ये लोग अपने वचनों से मुकर जाते हैं। क्रोध हमेशा इनकी नाक पर बना रहता है।
सूर्योदय-06:06 ए एम
सूर्यास्त-06:25 पी एम
चन्द्रोदय-04:32 ए एम, सितम्बर 16
चन्द्रास्त-05:18 पी एम
शक सम्वत-1942 शर्वरी
विक्रम सम्वत-2077 प्रमाथी
गुजराती सम्वत-2076 विरोधकृत्
अमान्त महीना-भाद्रपद
पूर्णिमान्त महीना-आश्विन
वार-मंगलवार
पक्ष-कृष्ण पक्ष
तिथि-त्रयोदशी – 11:00 पी एम तक
नक्षत्र-अश्लेशा – 02:25 पी एम तक
योग-शिव – 11:03 ए एम तक
करण-गर – 12:19 पी एम तक
द्वितीय करण-वणिज – 11:00 पी एम तक
सूर्य राशि-सिंह
चन्द्र राशि-कर्क – 02:25 पी एम तक
राहुकाल-03:20 पी एम से 04:53 पी एम
गुलिक काल-12:16 पी एम से 01:48 पी एम
यमगण्ड-09:11 ए एम से 10:43 ए एम
अभिजित मुहूर्त-11:51 ए एम से 12:40 पी एम
दुर्मुहूर्त-08:34 ए एम से 09:23 ए एम
दुर्मुहूर्त-11:06 पी एम से 11:52 पी एम
अमृत काल-12:55 पी एम से 02:25 पी एम
वर्ज्य-01:23 ए एम, सितम्बर 16 से 02:51 ए एम, सितम्बर 16